Page 61 - Mann Ki Baat Hindi
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होने से ्वगमीकरण समबनधी ट्व्वाद बढते
          गए और 2024 तक हर ्वषमा 10,000 से
          अटधक  अटग्म  टनणमाय  (एड्वांस  रटलंग)
          आ्वेदन दायर हुए।
              टसतमबर  2025  में  हुए  जीएसिी
          सुधार, देश की अप्रतयक्ष कर संरचना का
          पुनगमाठन हैं जो के्वल वय्वधानों को कम
          से कम करने ्वाली वय्वसथा की जगह
          अब  आटथमाक  मूल  टसद्धांतों  के  अनुरप
          दक्षता पर केशनद्त ढांचे में बदली गई है।
          जीएसिी प्रणाली एक बार शसथर हो जाने
          के बाद इसे सरल संरचना में बदलने की
          योजना तो शुर से ही थी लेटकन कोट्वड-
          19 और उसके उपरानत आटथमाक बहाली    पर 18% की दर लागू की गई है। इसके
          के प्रयासों के कारण इसे लागू नहीं टकया   अला्वा, ट्वलाटसता और अटहतकर ्वसतु
          जा  सका।  नई  रपरेखा  लागू  करने  से   श्रेणी की कुछ चुनी हुई ्वसतुओं पर 40%
          पहले प्रणाली में शसथरता लाना जररी था।   की ट्वशेष दर रखी गई है। ऐसा करने
          अब यह नया ढांचा टनम्नटलटखत तरीकों   से उन जटिलताओं में उललेखनीय कमी
          से लागू टकया गया है।              आई है जो जीएसिी प्रणाली शुर होने के
              पहला  सुधार  यह  है  टक  जीएसिी   समय से ही मौजूद थीं। अब 5% जन-
          सलैब संरचना को चार दरों ्वाले ढांचे से   टहतैषी दर के अनतगमात 516 ्वसतुएँ और
          घिा कर दो तरह की दर प्रणाली में बदला   18% मानक दर के अनतगमात 640 ्वसतुएँ
                           ु
          गया है। जन-टहतैषी ्वसतओं (मैररि गुडस)   हैं टजससे कर ढांचा प्रणाली उललेखनीय
          पर  5%  की  दर  और  सामानय  ्वसतुओं   रप  से  सरल  हुई  है।  प्रणाली  में  कम

























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