Page 62 - Mann Ki Baat Hindi
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घिक होने से यह सरलीकत वय्वसथा भ्रम में ट्वलाटसता और अटहतकर ्वसतुओं के
की शसथटत समापत करती है और अनुटचत टलए ही है।
लाभ के अ्वसर भी सीटमत करती है। इससे उतपाद ्वगमीकरण में ताटक्फक
दूसरा सुधार इस बात पर केशनद्त है सुसंगटत आई है, और अतयटधक सूक्म
टक ्वसतुओं को उनके आटथमाक टसद्धांतों भेद से उतपन्न भ्रम और ट्वसंगटतयाँ
और प्रककृटत के आधार पर उपयु्त कर दूर की गई हैं टजससे कर संरचना की
कृ
सलैब में ताटक्फक रप से ्वगमीकत टकया अक्षमताएँ भी दूर की जा सकती हैं।
जाए न टक पुराने ढांचे से ट्वरासत में टमली ऐसा होने से करदाताओं और
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दरें बनाए रखी जाएँ। जन-टहतैषी ्वसतुएँ प्रशासकों दोनों के टलए सपष्िता बढगी
(मैररि गुडस) — जो बुटनयादी खपत की और ऐटतहाटसक रप से ट्व्वाद और
जररतें पूरी करती हैं या टजनका समाज अटनशशचतता का प्रमुख स्ोत रहे ्वगमीकरण
पर सकारातमक प्रभा्व पड़ता है — उनहें समबनधी ट्व्वाद कम होंगे।
टनम्न दर (5%) के अनतगमात रखा गया है। तीसरा, सुधारों ने उलिी कर संरचना
्वहीं सामानय उपभोग की ्वसतुएँ (सिैंडड्ट (इन्वटि्टड ड्ूिी सट्र्चर) की समसया
गुडस) टजनका टनयटमत उपयोग होता है, हल की है टजसमें वय्वसाटययों को कच् े
उन पर मधयम दर (18%) लागू की गई माल यानी इनपुटस पर अशनतम उतपाद
है। पॉपकॉनमा जैसे उतपाद जो पहले ्ले्वर की तुलना में अटधक कर देना पड़ता था
के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में थे टजससे उद्टमयों की कायमाशील पूंजी पर
उनहें नमकीन की श्रेणी में 5% रखा गया है लागत बढ जाती थी। ्वसत्र उद्ोग में,
जबटक 40% सलैब के्वल सीटमत संखया ककृटत्रम रेशे और धागे का कर क्रमशः
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