Page 60 - Mann Ki Baat Hindi
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जुलाई 2017 में जीएसिी शुरु करने का उद्शय
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करों को एक प्रणाली में लाना था। इसने केनद्ीय और
राजय सतर पर लागू अनेक करों जैसे उतपाद शुलक,
से्वा कर, मूलय सं्वटद्धमात कर (VAT), अटतरर्त
उपकर (सरचाजमा) और शुलक (CESSES) आटद की
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जटिल वय्वसथा की जगह ली थी। इसका उद्शय करों
का दोहरा्व कम करना, अनुपालना सरल बनाना और
पारदटशमाता में सुधार लाना था।
इस लेख में हम चचामा करेंगे टक टसतमबर 2025
में ि्स सलै्स के तक्फसंगत पुनगमाठन, ्वसतुओं का
ै
उटचत श्रेटणयों में पुन्वमागमीकरण और प्रटक्रयागत सुधारों
के बाद शुर हुए जीएसिी 2.0 से मूलयों पर पड़ने
्वाले तुरनत प्रभा्व और माँग बढने के अला्वा, सथायी
दक्षता के लाभ कैसे टमलेंगे।
िंजी्व िानयाल आइए देखें टक जीएसिी 2.0 से टकन मुद्ों को
ं
सदसय, प्रधानमत्री की आटथमाक सुधारने का प्रयास टकया गया है।
सलाहकार पररषद जीएसिी के पहले चरण में नई अप्रतयक्ष कर
वय्वसथा में परर्वतमान के दौरान, वय्वधान कम-से-
कम करने और दर टनधामारण के माधयम से राजस्व की
जीएिटी 2.0 शसथरता बनाए रखने पर धयान केशनद्त रहा ताटक कर
दरें पहले से मौजूद सतर के अनुरप बनी रहें। करों
की दर संरचना की चार मुखय श्रेटणयाँ (5%, 12%,
के्वल मूलय ही 18% और 28%) थीं। साथ ही, कुछ ट्वशेष दरें और
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छूि भी थीं। चूँटक उद्शय राष्ट्रीय सतर पर नई प्रणाली
नहीं घिे, दक्षता में आसान परर्वतमान सुटनशशचत करना था इसटलए इसे
मूल टसद्धांतों जैसे संसाधनों का कुशल आ्विन और
ं
लाभ के द्ार भी प्रटक्रयागत दक्षता प्रापत करने की दृशष्ि से तैयार नहीं
टकया गया था। उतपादों को उनके आटथमाक गुणों के
खुले बजाय पहले से प्रभा्वी जीएसिी कर दरों के आधार
कृ
पर सलै्स में ्वगमीकत टकया गया। पररणाम यह हुआ
टक एक असंगत कर ढांचा बना जैसे नमकीन या सादा
पॉपकॉनमा पर 5% कर लगाया गया जबटक कैरेमल या
्ले्वड्ट पॉपकॉनमा को 18% कर सलैब में रखा गया।
इस प्रणाली को अटधक सुवय्वशसथत करने के
टलए टपछले आठ ्वषमा के दौरान टनरंतर सुधार होते
रहे लेटकन एक जैसे उतपादों पर कर की दर असंगत
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