Page 59 - Mann Ki Baat Hindi
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मुझे अपनी राह आगे बढाने की अटतरर्त   2025  मंडप  का  स्वणमा  जयंती  ्वषमा
          शश्त दी।                          है। जहाँ हाल में हर ्वषमा के्वल एक ही
              2010  में  टपता  के  गुजर  जाने  के   संसकटत का सममान टकया जाता रहा ्वहीं
                                                कृ
          बाद मंडप के कायषों में माँ की मदद के   इस ट्वशेष प्वमा ्वषमा में उन 50 संसकटतयों
                                                                      कृ
          टलए मैं फ्ांस लौि गई। मैंने उनका काम   का उतस्व मनाया जा रहा है टजनहोंने इस
          आगे बढाना जारी रखा। मैंने कथक की   केंद् के इटतहास को आकार टदया। ये पूणमा
          पूरी प्रामाटणकता, सममान, और उद्शयपूणमा   सूची तो नहीं है पर टफर भी एक समृद्ध
                                   े
          नृतय-संयोजन  पर  धयान  केंटद्त  टकया   और ट्वट्वध उदाहरण तो पेश करती है।
          ताटक केंद् की प्रटतष्ठा और दृशष्ि बनी रहे।       यह ्वषमा मेरे टलए दोहरी ट्वरासत का है
              माँ के टनधन के बाद 2022 से यह   ्योंटक इसी टदन गुरु जी ने मेरा भी गंडा
          धरोहर मेरे हाथ में है। प्रदशमान कलाओं   बंधन टकया था।
          को बढा्वा और गहरे रचे-बसे समा्वेशी   अब  जब  हम  अगले  50  ्वषमा  की
          बहु-सांसककृटतक  मूलयों  ्वाले  मंडप  का   यात्रा आरमभ कर रहे हैं तब मंडप का
            े
          उद्शय आगे बढाना ही मेरा दृढ संकलप   टमशन और भी महत््वपूणमा हो जाता है: इसे
          है। मंडप का छोिा-सा 100 सीि ्वाला   कलातमक सं्वाद के अटद्तीय संगम के
          बैठक  जैसा  ऑटडिोररयम,  कलाकार    रप में मजबूत करना, सीमाओं के परे
                              ं
          और दशमाकों के बीच समबध को लेकर    कलाकारों और दशमाकों को प्रेररत करना,
          अपने सथापना मूलयों से कोई समझौता   भा्वी  पीटढयों  को  टशटक्षत  करना  ताटक
          नहीं करता। यहाँ मंच के टबलकुल टनकि
          कलाकारों का भवयरप, भा्वनाओं और    प्रदशमान कलाएँ लोगों के बीच भाईचारे की
          प्रामाटणकता के साथ ताल टमलाता है ्वो   गहन भा्वनाएँ पैदा कर सकें, और मंडप
          चाहे सांसककृटतक रप से सथानीय हों या   के  संसथापकों  टमलेना  और  रॉजर  की
                                                            े
                े
          टदलों स उसताद।                    ट्वरासत को उनके स्हपूणमा आशी्वामाद के
                                            साथ ग्वमा से आगे बढा सकें।













                                             ‘मंडप’ के सामने बने ‘पलेस टमलेना साशल्वनी
             गंडा बंधन की रसम, गुरु पूटणमामा, 2025   चौक’ का 2023 में उदघािन



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