Page 64 - Mann Ki Baat Hindi
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एि. एल. भैरपपा
जी्वन और ट्वरासत
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कनामािक के हासन टजले के एक शांत गा्व में 20 अगसत 1931 को एक बालक
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ने जनम टलया टजसका नाम रखा गया- सनतेटश्वरा टलंगन्नया भैरपपा। उस समय कोई
नहीं जानता था टक यह बालक भट्वष्य में भारत के सबसे गहन ट्वचारकों और लोकटप्रय
लेखकों में से एक होगा। उनका जी्वन संघषमा, साहस और सतय की टनरंतर खोज में
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रहा। उनहोंने ऐसी कहाटनयाँ टलखीं जो जी्वन, समाज और मान्व आतमा से जड़े प्रश्ों
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की पड़ताल करती थीं। समय के साथ ्वे भारत की सांसककृटतक और नटतक चेतना की
पीड़ा और शश्त की आ्वाज बन गए।
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प्रधानमत्री श्री नरनद् मोदी ने उनके टनधन पर शोक वय्त करते हुए उनहें एक
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ऐसा महान वयश्तत्व बताया टजनहोंने राष्ट्र के अंतःकरण को झकझोरा और भारत की
आतमा का सपशमा टकया।
प्ारकमभक जी्वन
भैरपपा का बचपन संघषमापणमा था। उनका जनम एक टनधमान परर्वार में हुआ और
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बहुत कम उम्र में ही पलग के कारण अपनी माँ और भाई दोनों को खो टदया। टपता यह
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