Page 55 - Mann Ki Baat Hindi
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में लोकटप्रय बनाया जबटक ‘या अली’ न े
ें
उनह राष्ट्रीय खयाटत और पुरसकार टदलाए।
ें
2007 में उनह ‘इकोज ऑफ़ साइलेंस’ के
टलए स्वमाश्रेष्ठ संगीत टनदज़ेशक का राष्ट्रीय
पुरसकार प्रदान टकया गया।
असम के टलए तो जबीन गगमा राजय
ु
की धड़कन थे। उनके गीतों में प्रेम और
ट्वरह, ग्ामय जी्वन की सुंदरता, लोगों की
पीड़ा और उज््वल भट्वष्य की आशा
छलकती थी। उनके रोमांटिक गीतों ने
यु्वाओं को अपनी भा्वनाएँ वय्त करने
की भाषा दी। हमारे नायकों का जश्
मनाते उनके गाथा गीत हमें ग्वमा से
रोमांटचत करते थे। अपनी माँ और बहन
के गुजरने पर उनके टलखे वयश्तगत
शोक गीत सुनकर हर टदल पसीजा था। मदद की, फ़ुिबॉल मैच आयोटजत करके
यटद कोई एक गीत असम की यु्वाओं को खेलों के टलए प्रोतसाटहत टकया
शाश्वत आतमा को वय्त करता है तो ्वो और गैंडों के संरक्षण तथा पयामा्वरण के
है ‘मायाटबनी राटतर बुकुत’ (जादुई रात टलए भी आ्वाज उठाई। ्वे के्वल गायक
ु
की गोद में)। जबीन के टलए यह आशा, नहीं थे, जररत के ्व्त ्वे लोगों के साथ
क्षणभंगुर जी्वन, प्रेम और ट्वरह का खड़े रहे।
प्रतीक था। उनके टनधन के बाद असम प्रधानमंत्री का ‘मन की बात’ कायमाक्रम
ु
के लोगों के टलए यह उनका समृटत-गीत में जबीन गगमा का उललेख करना, असम
ु
बन गया है। यह गीत टजस तरह से एक और जबीन के संगीत प्रेटमयों के टदल को
सामूटहक प्राथमाना में बदला, ्वो इस बात छू गया। यह श्रद्धांजटल एक वयश्त को
का साक्षी है टक जबीन ्वासत्व में असम नहीं बशलक असटमया पहचान का सममान
ु
ु
की आ्वाज थे। है। जबीन ने असम की आ्वाज को भारत
ु
यु्वा पीढी के टलए जबीन गगमा का के हर कोने तक पहुँचाया। उनहोंने टसद्ध
जी्वन साहस की टमसाल था। उनहोंने कर टदखाया टक कला लोगों को जोड़ती
टसद्ध कर टदया टक अपने राजय में पहचान है, प्रेररत करती है और टदल को सुकन
कू
बना कर रहने ्वाला वयश्त भी राष्ट्रीय देती है। उनका टनधन एक अपूरणीय
खयाटत हाटसल कर सकता है। उनहोंने क्षटत है, लेटकन उनका संगीत उनहें अमर
लोक परमपराओं में न्वजी्वन का संचार रखेगा।
टकया, बीहू प्रसतुटतयों को नया रप टदया अब यह हमारा ट्वशेषकर यु्वाओं का
ु
और टफ़लम टमशन चाइना से असटमया कत्तमावय है टक हम जबीन गगमा की ट्वरासत
टसनेमा को नई ऊजामा दी। उनका मुमबई को आगे बढाएँ—जो हमें रचनातमक बने
का आ्वास, असम के यु्वा कलाकारों रहने, साहसपू्वमाक सपने देखने, समाज
के टलए खुला रहा, उनहें ्वहाँ आश्रय ही से्वा में करुणा टदखाने और अपनी भाषा ्व
नहीं मागमादशमान भी टमला। आज के कई परमपराओं पर ग्वमा करने को प्रेररत करती
ु
ु
सथाटपत संगीतकारों के टलए जबीन गगमा ्वो है। अगर हम ऐसा करते हैं तो जबीन की
ु
वयश्त थे टजसने उनहें सपने देखने का यात्रा अन्वरत जारी रहेगी। असम, जबीन
साहस टदया। गगमा को अलट्वदा कहता है लेटकन उनका
ु
जबीन गगमा की ट्वरासत सामाटजक संगीत हमारे टदलो-टदमाग़ में सदा गूँजता
प्रटतबद्धता में भी है। कलागुरु आटि्टसि रहेगा, पीटढयों को प्रेररत करता रहेगा और
फाउंडेशन के माधयम से उनहोंने हमेशा याद टदलाता रहेगा टक कला में ्वो
संघषमाशील कलाकारों और टशलपकारों की शश्त है जो हम सब को एक करती है।
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