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कोरापुट कॉफी





                                            और इसका




                                         उत्तम ममश्रण




        घाटिरों की ़िुशबू


        पूवजी घाटि की गोद में बसा ओहिशा का कोरापुटि
        हज़ला, अपनी अरेहबका कॉफी की उ्दा सुगन्ध
        के कारण एक हछपा िुआ रत्न किा जा सकता     कोिापुटि का ्वाद चक्र
        िै। ये उच् गुणवत्ा वाले दाने (बींस) धीरे-धीरे
        कॉफी प्रेहमयों के बीच लोकहप्रय िो रिे िैं। मधयम
        गाढ़ापन, बहढ़या ्वादानुभूहत और फलों, चॉकलेटि
        त्ा  मसालों  के  कोमल  ्वाद  वाली  कोरापुटि   िल, चॉकलेटि, मसाला, िूल
        कॉफी, भारत की बेितरीन हवहशषटि कॉहफयों में
                                                           मधयम गाढ़ापन, बहढ़या अ्लता यानी ्वादानुभूहत, संतुहलत ्वाद।
        जगि बना चुकी िै।

                                                    ्यरों है भवशेष?
                                 कोरापुटि की लगभग 3,000 फ़ुटि की ऊँचाई, धुंध वाला
                                 मौसम और दोमटि हमट्ी कॉफी की खेती के हलए आदश्त
                                 पररक््हतयाँ िैं। बींस के धीरे-धीरे पकने की प्रहरिया िर
                               दाने को और अहधक समृद्ध एवं जहटिल ्वाद देती िै। यिाँ
                              की लिरदार पिाहडयाँ और वनाचछाहदत क्षेत् इस इलाक़े की
                                  सुंदरता और प्राकृहतक संतुलन में चार चाँद लगाते िैं।

                                    कॉफी क्त्र की भवभशषटि परिस्थिभरयाँ
                                           े
                                                                  े
                                     कोिापुटि        सामानय कॉफी क्त्र
                                3000 फ़ुटि          1500 से 2000 फ़ुटि
                                 ं
                                ििी और धुँध वाली    गम्त और शुषक
                                दोमटि और उपजाऊ      रेतीली या प्रीली


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