Page 9 - Mann Ki Baat - Hindi
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भाित लौटीं ये कलाकृदतयाँ ढाई हज़ाि आसीन हैं। पतििों से बनी जैन तीििंकिों
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साल से लेकि ढाई सौ साल तक पिानी की िो मदत्वयाँ भी भाित ्ापस आई हैं।
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हैं। आपको यह भी जानकि ्खुशी होगी भग्ान सय्व ि् की िो प्दतमाएँ भी
दक इन िल्वभ िीज़ों का नाता िेश के आपका मन मोह लेंगी। इनमें से एक
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अलग-अलग क्ेत्ों से है। ये टेिाकोटा, सैंडसटोन से बनी है। ्ापस लौटाई गई
सटोन, मेटल औि लकड़ी के इसतमाल िीज़ों में लकड़ी से बना एक पैनल भी है,
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से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी जो समुद्र मनिन की किा को सामन े
हैं, जो आपको आ्िय्व से भि िेंगी। आप लाता है। 16्ीं-17्ीं सिी के इस पैनल
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इनहें ि्खेंगे, तो ि्खते ही िह जाएँगे। का जड़ा् िदक्ण भाित से है।
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इनमें 11्ीं शताबिी का एक ्खूबसित सादियो, यहाँ मैंने तो बहुत कम
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सैंडसटोन सकलपिि भी आपको ि्खन े ही नाम दलए हैं, जबदक ि्खें तो यह
को दमलेगा। ये नृतय किती हुई एक दलसट बहुत लमबी है। मैं अमेरिकी
‘अपसिा’ की कलाकृदत है, दजसका सिकाि का आभाि किना िाहँगा,
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नाता मधय प्िेश से है। िोल युग की दजनहोंने हमािी इस बहुमूलय द्िासत
कई मदत्वयाँ भी इनमें शादमल हैं। ि्ी को लौटाया है। 2016 औि 2021 में भी
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औि भग्ान मग्वन की प्दतमाएँ तो जब मैंने अमेरिका की यात्ा की िी, तब
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12्ीं शताबिी की हैं औि तदमलनाडु की भी कई कलाकृदतयाँ भाित को लौटाई
्ैभ्शाली संसकृदत से जुड़ी हैं। भग्ान गई िीं। मुझे द्््ास है दक ऐसे प्यासों
गणेश की क़िीब एक हज़ाि ्र्व पिानी से हमािी सांसकृदतक धिोहिों की
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काँसे की प्दतमा भी भाित को लौटाई िोिी िोकने को इस बात को ले किके
गई है। लदलतासन में बैठे उमा-मह््ि िेशभि में जागरूकता बढ़ेगी। इसस े
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की एक मदत्व 11्ीं शताबिी की बताई हमािी समद् द्िासत से िेश्ादसयों
जाती है, दजसमें ्ह िोनों निी पि का लगा् भी औि गहिा होगा।
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