Page 6 - Mann Ki Baat - Hindi
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िी। अभी मुझे पता िला है दक पकरिया से जुड़ा होता है। इसीदलए सा्न का
गाँ् के आदि्ासी भाई-बहनों ने इसे आधयाशतमक के साि ही सांसकृदतक
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लेकि काम भी शुरू कि दिया है। यहाँ िश्टकोण से भी बहुत महत्् िहा है।
प्शासन की मिि से लोगों ने किीब सौ सा्न के झूले, सा्न की मेहँिी, सा्न
कुओं को ्ाटि रििाज्व दससटम में बिल के उतस् यानी सा्न का मतलब ही
दिया है। बारिश का पानी अब इन कुओं आननि औि उललास होता है।
में जाता है औि कुओं से ये पानी ज़मीन सादियो, हमािी इस आसिा औि
के अंिि िला जाता है। इससे इलाके में इन पिमपिाओं का एक पक् औि भी
भू-जल सति भी धीिे-धीिे सुधिेगा। अब है। हमािे ये प््व औि पिमपिाएँ हमें
सभी गाँ् ्ालों ने पूिे क्ेत् के किीब- गदतशील बनाते हैं। सा्न में दश्
किीब 800 कुएँ को रििाज्व के दलए आिाधना के दलए दकतने ही भकत
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उपयोग में लाने का लक्य बनाया है। का्ड़ यात्ा पि दनकलते हैं। ‘सा्न’
ऐसी ही एक उतसाह्ध्वक ्खबि यू.पी. की ्जह से इन दिनों 12 जयोदतदलिंगों में
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से आई है। कुछ दिन पहले उत्ति प्िेश भी ्खूब श्रद्ालु पहँि िहे हैं। आपको य े
में एक दिन में 30 किोड़ पेड़ लगाने का जानकि भी अचछा लगेगा दक बनािस
रिकॉड्ड बनाया गया है। इस अदभयान की पहिने ्ाले लोगों की संखया भी रिकॉड्ड
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शुरुआत िाजय सिकाि ने की। उसे पूिा तोड़ िही है। अब काशी में हि साल 10
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्हाँ के लोगों ने दकया। ऐसे प्यास जन- किोड़ से भी ़जयािा पय्वटक पहि िह े
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भागीिािी के साि-साि जन-जागिण के हैं। अयोधया, मििा, उज्ैन जैसे तीिथों
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भी बड़े उिाहिण हैं। मैं िाहूँगा दक हम पि आने ्ाले श्रद्ालुओं की संखया
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सब भी पेड़ लगाने औि पानी बिाने के भी तज़ी से बढ़ िही है। इससे ला्खों
इन प्यासों का दहससा बनें। ग़िीबों को िोज़गाि दमल िहा है, उनका
जी्नयापन हो िहा है। ये सब हमािे
मेिे पयािे िेश्ादसयो, इस समय सांसकृदतक जन-जागिण का परिणाम
सा्न का पद्त् महीना िल िहा है। है। इसके िश्वन के दलए अब तो पिी
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सिादश् महाि् की साधना-आिाधना िदनया से लोग हमािे तीिथों में आ िह े
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के साि ही सा्न हरियाली औि ्खदशयों हैं। मुझे ऐसे ही िो अमेरिकन िोसतों के
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