Page 5 - Mann Ki Baat - Hindi
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मेरे प्यारे देशवयासि्ो! नमस्यार






              ‘मन  की  बात’  में  आप  सभी  का   साि ही हमािी स्िनशीलता औि एक
                                                         ं
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          बहुत-बहुत स्ागत है। जुलाई का महीना   िूसिे का हाि िामने की भा्ना उतनी
          यानी  मानसून  का  महीना,  बारिश   ही  अहम  होती  है।  स््वजन  दहताय  की
          का  महीना।  बीते  कुछ  दिन  प्ाकृदतक   यही भा्ना भाित की पहिान भी है औि
          आपिाओं के कािण दिनता औि पिेशानी   भाित की ताकत भी है।
          से भिे िहे हैं। यमुना समेत कई नदियों   सादियो,  बारिश  का  यही  समय
                                                                 ं
          में  बाढ़  से  कई  इलाकों  में  लोगों  को   ‘्ृक्ािोपण’  औि  ‘जल  सिक्ण’  के
          तकलीफ़ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों   दलए  भी  उतना  ही  ज़रूिी  होता  है।
          में  भूस्खलन  की  घटनाएँ  भी  हुई  हैं।   आज़ािी के ‘अमृत महोतस्’ के िौिान
                                    े
          इसी िौिान िेश के पश्िमी दहसस में,   बने 60 हज़ाि से ़जयािा अमृत सिो्िों
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          कुछ समय प््व गुजिात के इलाकों में,   में भी िौनक बढ़ गई है। अभी 50 हज़ाि
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          दबपिजॉय साइकलोन भी आया, लदकन      से ़जयािा अमृत सिो्िों को बनाने का
          सादियो,  इन  आपिाओं  के  बीि  हम   काम  िल  भी  िहा  है।  हमािे  िेश्ासी
          सब िेश्ादसयों ने दिि दि्खाया है दक   पिी  जागरूकता  औि  दज़ममेिािी  के
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          सामदहक प्यास की ताकत कया होती     साि  ‘जल  सिक्ण’  के  दलए  नए-नए
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          है।  सिानीय  लोगों  ने,  हमािे  NDRF  के   प्यास  कि  िहे  हैं।  आपको  याि  होगा,
          ज्ानों  ने,  सिानीय  प्शासन  के  लोगों   कुछ समय पहले मैं एम.पी. के शहडोल
                                                        े
          ने दिन-िात लगाकि ऐसी आपिाओं का    गया िा। ्हाँ मिी मुलाकात पकरिया
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          मुकाबला दकया है। दकसी भी आपिा स  े  गा्  के  आदि्ासी  भाई-बहनों  से  हुई
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          दनपटने में हमािे सामरय्व औि संसाधनों   िी।  ्हीं  पि  मिी  उनसे  प्कृदत  औि
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          की भदमका बड़ी होती ह, लदकन इसके    पानी  को  बिाने  के  दलए  भी  ििा्व  हुई
           स्वच्छ कल के
           स्वच्छ कल के
           स्वच्छ कल के िलए हरा-भरा आज
           स्वच्छ कल के
                                     िलए हरा-भरा आज
                                     िलए हरा-भरा आज
                                     िलए हरा-भरा आज












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