Page 14 - Mann Ki Baat - Hindi
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िोरस्व से जुड़ी कहादनयाँ भी लोगों को िेश की िाजधानी दिलली पहिेगी। य े
्खूब पसि आई। यात्ा अपने साि िेश के अलग-अलग
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सादियो, आज, जब िेश में िािों दहससों से पौधे लेकि भी आएगी। 7500
तिि ‘अमृत महोतस्’ की गँज है, कलश में आई माटी औि पौधों स े
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15 अगसत पास ही है, तो िेश में एक दमलाकि दिि नेशनल ्ाि मेमोरियल
औि बड़े अदभयान की शुरुआत होन े के समीप ‘अमृत ्ादटका’ का दनमा्वण
जा िही है। शहीि ्ीि-्ीिांगनाओं को दकया जाएगा। ये ‘अमृत ्ादटका’,
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सममान िेने के दलए ‘मिी माटी मिा ‘एक भाित-श्रे्ठ भाित’ का भी बहुत
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िेश’ अदभयान शुरू होगा। इसके तहत ही भवय प्तीक बनेगी। मैंने दपछल े
िेश-भि में हमािे अमि बदलिादनयों की साल लाल दकले से अगले 25 ्रथों के
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समृदत में अनेक काय्वक्म आयोदजत अमृतकाल के दलए ‘पि प्ण’ की बात
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होंगे। इन द्भदतयों की समृदत में िेश की की िी। ‘मिी माटी मिा िेश’ अदभयान
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ला्खों ग्राम पिायतों में द्शर दशलाल्ख में दहससा लेकि हम इन ‘पि प्णों’ को
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भी सिादपत दकए जाएँगे। इस अदभयान पूिा किने की शपि भी लेंगे। आप सभी,
के तहत िेश-भि में ‘अमृत कलश िेश की पद्त् दमट्ी को हाि में लेकि
यात्ा’ भी दनकाली जाएगी। िेश के शपि लेते हुए अपनी सेलिी को yuva.
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गा्-गा् से, कोने-कोने से 7500 कलशों gov.in पि ज़रूि अपलोड किें। दपछले
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में दमट्ी लेकि ये ‘अमृत कलश यात्ा’ ्र स्तंत्ता दि्स के अ्सि पि ‘हि
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