Page 13 - Mann Ki Baat - Hindi
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                                            िटबॉल के कई बड़े प््व द्खलाड़ी औि
                                                         ु
                                            कोि आज यहाँ य्ाओं को ट्दनंग िे िह  े
                                                                 े
                                            हैं। आप सोदिए, एक आदि्ासी इलाका,
                                            जो अ्ैध शिाब के दलए जाना जाता िा,
                                            नशे के दलए बिनाम िा, ्ो अब िेश की
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                                            िटबॉल नस्विी बन गया है। इसीदलए तो
                                            कहते हैं– जहाँ िाह, ्हाँ िाह। हमािे िेश
                                            में प्दतभाओं की कमी नहीं है। ज़रूित ह  ै
                                            तो उनह तलाशने की औि तिाशने की।
                                                 ें
                                            इसके बाि यही य्ा िेश का नाम िौशन
                                                         ु
                                            भी किते हैं औि िेश के द्कास को दिशा
                                            भी िेते हैं।


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                                               मिे पयािे िेश्ादसयो, आज़ािी के
                                      ु
          पहले शुरू हुई िी। उस िौिान दबिािपि   75  साल  पिे  होने  के  अ्सि  पि  हम
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          गा् अ्ैध शिाब के दलए बिनाम िा, नश  े  सभी पिे उतसाह से ‘अमृत महोतस्’
          की दगिफत में िा। इस माहौल का सबस  े  मना िहे हैं। ‘अमृत महोतस्’ के िौिान
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          बड़ा नुकसान यहाँ के य्ाओं को हो िहा   िेश में क़िीब-क़िीब िो ला्ख काय्वक्मों
          िा। एक प््व नेशनल पलयि औि कोि     का आयोजन दकया गया है। ये काय्वक्म
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          िईस अहमि ने इन य्ाओं की प्दतभा को   एक  से  बढ़कि  एक  िंगों  से  सजे  िे,
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          पहिाना। िईस जी के पास संसाधन ़जयािा   द्द्धता से भिे िे। इन आयोजनों की
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          नहीं  िे,  लदकन  उनहोंने  पिी  लगन  स  े  एक  ्खूबसिती  ये  भी  िही  दक  इनमें
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          य्ाओं को िटबॉल दस्खाना शुरू दकया।   रिकॉड्ड  संखया  में  य्ाओं  ने  दहससा
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                                                            ु
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          कुछ  साल  के  भीति  ही  यहाँ  िटबॉल   दलया। इस िौिान हमािे य्ाओं को िेश
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          इतनी पोपुलि हो गई दक दबिािपि गा्   की महान द्भदतयों के बािे में बहुत कुछ
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          की पहिान ही िटबॉल से होने लगी। अब   जानने  को  दमला।  पहले  कुछ  महीनों
          यहाँ िटबॉल क्ांदत नाम से एक प्ोग्राम   की ही बात किें, तो जन-भागीिािी से
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          भी  िल  िहा  है।  इस  प्ोग्राम  के  तहत   जुड़े  कई  दिलिसप  काय्वक्म  ि्खन  े
                                                                      े
          य्ाओं को इस ्खेल से जोड़ा जाता है औि   को दमले। ऐसा ही एक काय्वक्म िा–
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          उनह ट्दनंग िी जाती है। ये प्ोग्राम इतना   दिवयाग ल्खकों के दलए ‘िाइटस्व मीट’
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          सिल हुआ है दक दबिािपि से नेशनल    का आयोजन। इसमें रिकॉड्ड संखया में
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                                                               े
          औि सटेट ल्ल के 40 से ़जयािा द्खलाड़ी   लोगों  की  सहभादगता  ि्खी  गई,  ्हीं
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          दनकले हैं। ये िटबॉल क्ांदत अब धीिे-   आंध्र  प्िेश  के  दतरुपदत  में  ‘िा्ट्ीय
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          धीिे पिे क्ेत् में िल िही है। शहडोल औि   संसकृत सममलन’ का आयोजन हुआ।
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          उसके आस-पास के काफ़ी बड़े इलाके में   हम सभी जानते हैं दक हमािे इदतहास
          1200 से ़जयािा िटबॉल कलब बन िुके हैं।   में दकलों का, िोरस्व का दकतना महत््
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          यहाँ से बड़ी संखया में ऐसे द्खलाड़ी दनकल   िहा  है।  इसी  को  िशा्वने  ्ाला  एक
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                                                े
          िहे है, जो नेशनल ल्ल पि ्खेल िहे हैं।   कैमपन,  ‘दकले  औि  कहादनयाँ’  यानी
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