Page 52 - Mann Ki Baat - Hindi
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द होिकॉमिग!
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र्धाानित्ी क र्यासं से र्ाचीीन कलाकततयाें की वापसी
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मेयेर प््यार दशवापस्यो, हमे सिी को अिनी जब सांस्कृक्तक क्वरासत की बात
पवरासत िर बहुत गव्य है और मेैं तो हमेयेशा आती है, तो स्मारक, कलेाकृक्तयाँ,
कहता हूँ ‘पवकास िी-पवरासत िी’। अमेरीकी प्राचीन क्लेक्पयाँ आक्द हमारी क्वरासत
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सरकार न िारत को करीब 300 प्राचीन के ठोस सबत होते हैं। क्सतम्बर में ही
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कलाकृपत्यों को वािस लौटिा्या है। मेुझ इस
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बात की बहुत खुशी है पक पिछल एक दशक भारत अमरीका से 297 कलेाकृक्तयाँ
मेें ऐसी कई कलाकृपत्याँ और हमेारी बहुत घर लेाया, क्जससे हमारे पहलेे से
सारी प्राचीन धरोहरों की घर वािसी हुई है। ही भरे हुए भंिार में और वृक्द्ध हुई।
मेुझ पवश्वास है जब हमे अिनी पवरासत िर आइए हम उनमें से कु्छ के इक्तहास,
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गव्य करत हैं तो दुपन्या िी उसका सम्मेान क्वशे्षताएँ और प्रासंक्गकता सम्बंधिी
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करती है। क्ववरण पर एक नजर िालेें।
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प्रधानमेंत्ी नरन्दद्र मेोदी 2016 स अब तक अमेरीका स िारत को कुल
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(‘मेन की बात’ सम्बोधन मेें) 578 सांस्कृपतक कलाकृपत्याँ वािस की गई हैं। ्यह
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पकसी िी दश द्ारा िारत को लौटिाई गई सांस्कृपतक
क््यया आप जयानते हैैं? कलाकृपत्यों की सबस अपधक संख््या है।
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अप््सरया
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x बलुआ ित्थर की मेपत्य
x ₹मेध््य िारत सये
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x ₹10-11वीं शता्धदी सये सम्बपधत
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x सुंदर पत्िंग मेद्रा मेें मेपहला की आकपत
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x ₹मेकटि जसये पसर के िहनावये और बड़ी गोलाकार बापल्यों सपहत जपटिल
आिर्षणों स सजी।
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x ₹पवस्तृत पशल्ि कौशल और शांत चयेहरये के िावों के पलए ध््यान दयेनये ्योग््य।
जैन तीर्थंकर
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x काँस््य मेपत्य
x मेध््य िारत सये
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x 15-16वीं शता्धदी सये सम्बपधत
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x मेपत्य मेें जैन तीथयंकर को एक ऊच आसन िर ध््यान साधना मेें लीन पदखा्या ग्या
है। इसमेें दवताओं की आकृपत्याँ िी शापमेल हैं, पजन्दहें शयेरों और हापथ्यों द्ारा
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सहारा पद्या ग्या है।
x धापमे्यक िस्क्त को दशा्यती है।
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