Page 50 - Mann Ki Baat - Hindi
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कलाकतत और् संस्तत की पुनर्ा्रतति
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कलाकृफतयाँ खो दोीं। उनकी वापसी
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केवल भौफतक वस्तओं को फिर से प्ाप्त
करना भर नहीं है, बब्ल्क भारत के फलए
सांस्कृफतक पहचान और न्याय की भावना
को पुनजजीफवत करना भी है।
2014 से इसे प्ाथफमकता दोी गई ह ै
और इसका भरपूर लाभ भी फमला है। यह
नीफत सांस्कृफतक कलाकृफतयों को उनके
रतन पी. वाटल वास्तफवक उत्तराफ्धकाररयों तक वापस
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अध्यक्, सेंट्रल फवस्टा ओवरसाइट पहँचाने के वब्श्वक अफभयान के साथ भी
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कमेटी, आवास और शहरी मामलों के जड़ी हुई है। सैकड़ों कलाकृफतयाँ फवदोशों म ें
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मंत्ालय, भारत सरकार सफदोग््ध पररब्स्थफतयों म ले जाई गई और
नीलाम की गई कलाकृफतयाँ भी है। 2014
कला और संस्कृफत न केवल फकसी के बादो से इन कलाकृफतयाँ की वापसी
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दोेश की पहचान के फलए महत्तवपण्ष ह, म तेजी आई। इससे पहले के दोशकों म ें
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बब्ल्क वब्श्वक स्तर पर राष्टट्रीय गौरव, बहुत कम संख्या म उनकी वापसी हो पाई
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एकता और सम्मान को बढ़ावा दोेने म ें थी। इनम से कई कलाकृफतयाँ फवदोशों
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कारगर भफमका फनभाते ह। फवशर् रूप म फनजी और साव्षजफनक संग्रहालयों म ें
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से हमारी स्वतत्ता के बादो प््धानमंत्ी रखी गई थीं। इन्ह फजन समदोायों से फलया
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नरन्द्र मोदोी द्ारा अपने दोेश से बाहर गया था, उनके फलए उनका गहरा ्धाफम्षक
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भेजी गई कलाकृफतयों की पुनप्ा्षब्प्त के और सांस्कृफतक महत्तव था। इन खजानों
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प्यास फनब्श्चत तौर पर इस महत्तव को की वापसी नफतक न्याय का एक स्वरूप
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दोशा्षते ह। भारत की सांस्कृफतक और है और अंतरराष्टट्रीय कूटनीफतक क्ेत् म ें
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आध्याब्त्मक फवरासत का अफभन्न अंग, एक प्भावशाली दोेश के रूप म भारत
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कलाकृफतयाँ शुरू म औपफनवफशक काल की व्यापक स्वीकृफत है। ऑस्ट्रेफलया स े
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के दोौरान उपमहाद्ीप से बाहर ले जाई नटराज और अ्ध्षनारीश्वर एवं कनाडा स े
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गई थीं। स्वतत्ता के बादो हमने चोरी की पैरट लेडी जैसी मफत्षयों की वापसी इसके
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घटनाओं और तस्करी के माध्यम स े उदोाहरण ह। इसके पररणामस्वरूप भारत
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फवदोेश भेजे जाने के कारण कई अमूल्य की फवदोेश नीफत म एक मजबूत फमसाल
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