Page 55 - Mann Ki Baat - Hindi
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          है। यह जड़ाव समदोाय के भीतर पहचान   में  असमथ्ष  थे,  क्योंफक  कु्छ  स्वरों  को
          और  गव्ष  की  एक  मजबूत  भावना  को   अन्य लेखन प्णाफलयों में नहीं फलखा जा
          बढ़ावा दोेता है।                   सकता है। इसने मुझे त्वररत शो्ध करन  े
              OLCHIKI में टाइफपंग तकनीक का   और एक ओएल फचकी यफनकोड िोंट
                                                               ू
          फवकास                             और  कीबोड्ड  लेआउट  फवकफसत  करन  े
              1925  में  पफडत  रघुनाथ  ममू्ष  द्ारा   के फलए प्ेररत फकया, फजसका उपयोग
                                  ु
                      ं
          बनाई गई ओएल फचकी फलफप ने संथाली   NHM राइटर, कीमैन कीबोड्ड, कीमफजक
                                                                     ै
          भार्ा को फलफखत रूप प्दोान करके इस  े  कीबोड्ड आफदो जैसे लोकफप्य सॉफ्टवेयर
                       ँ
          बदोल फदोया। हालाफक मानक िोंट और   के साथ फकया जा सकता है। 2014 में प्ल  े
          कीबोड्ड  लेआउट  की  अनुपब्स्थफत  के   स्टोर में कोई एंड्ाइड कीबोड्ड नहीं था,
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          कारण  फडफजटल  प्लटिॉम्ष  में  इसके   जो ओएल फचकी ब्स्क्रप्ट में इनपुट की
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          एकीकरण  को  शुरुआती  बा्धाओं  का   सफव्धा दोे सके। हालाफक मुझे केवल एक
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          सामना करना पड़ा।                   कीबोड्ड फमला, सी-डीएसी जीआईएसटी
              मुझे  उस  समय  अजीब  लगा,     कीबोड्ड,  जो  सी-डीएसी  वेबसाइट  पर
                                                                    ु
          क्योंफक  मोबाइल  िोन  और  डेस्कटॉप   उपलब््ध था, उसे हमने तब समदोाय के
          ओएल फचकी यफनकोड को सपोट्ड नहीं    भीतर लोकफप्य बनाया। फडफजटल स्पस
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                                                                       े
          करते थे। सबसे बुरी बात यह थी फक हम   में संथाली साक्रता को बढ़ावा दोेने के
          अपने फवचारों को ठीक से व्यक्त करन  े  फलए यह सिलता महत्तवपण्ष थी। आज
                                                                ू


























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