Page 51 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 51

ै
          कायम  हुई  है  और  वब्श्वक-सांस्कृफतक   की  फवफव्धता  को  बहाल  करने  के  फलए
                 ें
          संवादोों  म  भारत  का  बढ़ता  प्भुत्व  भी   एक ठोस प्यास फकया है। प््धानमंत्ी की
          प्दोफश्षत हुआ है।                 आफ्धकाररक  यात्ा  के  बादो  हाल  ही  म  ें
              2014  से  भारत  को  जम्षनी  स  े  अमरीका से कलाकृफतयों की वापसी इस
                         ू
          मफहर्ासुरमफदो्षनी  मफत्ष  और  फसंगापुर   प्यास का एक प्माण है। कलाकृफतयों की
                                ू
          से  उमा  परमेश्वरी  काँस्य  मफत्ष  सफहत   ऐसी वापसी भारत के इफतहास और गौरव
                                ैं
                                                                       े
          कई अनमोल खजाने फमले ह। चोरी या    की पुनः प्ाब्प्त का प्तीक है, जो अन्य दोशों
                                   ें
                           ु
                                                        ै
          तस्करी के बादो ये वस्तएँ भारत म अपन  े  म  भी  व्यापक  वब्श्वक  प्यास  के  साथ
                                             ें
          सही स्थानों पर वापस आ गई ह। इसस  े  तालमेल रखता है।
                                  ैं
          लोगों को अपनी सांस्कृफतक फवरासत स  े  यफदो फनष्टकर््ष के तौर पर दोेखा जाए तो
                 ु
                                                                       ु
          फिर से जड़ने का मौका फमला है। वत्षमान   कलाकृफतयों की वापसी भौफतक वस्तओं
                 ू
                                  ें
           ें
          म कई मफत्षयाँ नए संसदो भवन म प्दोफश्षत   को  वापस  पाने  से  कहीं  ़ज्यादोा  है।  यह
                  ैं
          की गई ह। इन कलाकृफतयों को वापस    सांस्कृफतक कायाकल्प और ऐफतहाफसक
          लाना इफतहास के संरक्ण और अपनेपन   न्याय  की  फदोशा  म  भारत  की  यात्ा  का
                                                         ें
          की भावना म योगदोान दोेता है।      प्फतफनफ्धत्व  करती  है।  इस  सम्बं्ध  म  ें
                   ें
                               ें
              ये कलाकृफतयाँ भफवष्टय म नई फदोल्ली   फकए गए प्यास सराहनीय ह। वे भारत
                                                                 ैं
          म  रायसीना  फहल  पर  सट्रल  फवस्टा  म  ें  की फवरासत म गौरव को बहाल करते ह  ैं
                                                      ें
                             ें
           ें
          बनाए जा रहे नए युगीन भारत संग्रहालय   और सांस्कृफतक अफ्धकारों की व्यापक
                                             ै
                                                          ें
                                                                        ैं
           ें
                      ु
          म प्दोफश्षत वस्तओं को और भी अफ्धक   वब्श्वक  मान्यता  म  योगदोान  करते  ह।
                   ें
             ृ
          समद्  करगी।  यह  संग्रहालय  पेररस   जैसे-जैसे भारत अपने खोए हुए खजानों
          के  लौवर  संग्रहालय  से  भी  बड़ा  होगा।   को वापस पाने की कोफशश करता रहेगा,
                                             ु
                                                           ृ
          भारत सरकार ने फप्छले दोशक से लालच   दोफनया  इसकी  समद्  संस्कृफत  और
                     े
          और  औपफनवफशक  शोर्ण  के  कारण     इफतहास  को  उतना  ही  स्वीकार  करेगी
          अपनी  खोई  हुई  सांस्कृफतक  फवरासत   और इनको महत्तव दोेगी।







                                        47
                                        47
   46   47   48   49   50   51   52   53   54   55   56