Page 57 - Mann Ki Baat - Hindi
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बाँग्लादोेश के स्वयंसेवकों ने फवफकपीफडया पर संथाली भार्ा सामग्री की कमी भार्ा
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इनक्यबेटर में सहयोगात्मक रूप स े की दोृश्यता को और सीफमत करती है।
योगदोान फदोया, जो अगस्त, 2018 में संथाली भार्ा का भफवष्टय
लाइव हुआ। अब संथाली फवफकपीफडया में फडफजटल युग में संथाली भार्ा
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13,000 से अफ्धक लेख हैं, जो इसे ज्ाान का भफवष्टय आशाजनक है, लफकन यह
का एक बड़ा भंडार बनाते हैं। इसके फडफजटल साक्रता को बढ़ावा दोेने और
अफतररक्त, 2020 में मेरे दोो दोोस्तों– िागू सामग्री फनमा्षण का फवस्तार करन े
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बास्के और आर अश्वनी बंजन ममू्ष के के फनरंतर प्यासों पर फनभ्षर करता
साथ हमने फबरमाली, संथाली में पहली है। भफवष्टय के फवकास में ऑनलाइन
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साफहब्त्यक ई-पफत्का लॉन्च की, फजस े उपलब््ध संथाली में अफ्धक शफक्क
www.birmali.com के माध्यम स े सामग्री, पुस्तकें और सांस्कृफतक
ऑनलाइन मुफ्त में पढ़ा जा सकता है। संसा्धन शाफमल होने की उम्मीदो
संथाली को फडफजटल बढ़ावा दोेने में है। जैसे-जैसे फडफजटल इंफ्ास्ट्रक्चर
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शर् चुनौफतया ँ बेहतर होता है और समदोाय के अफ्धक
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इन प्गफतयों के बावजदो संथाली सदोस्य इंटरनेट तक पहँचते हैं, वैसे-वैस े
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भार्ा को बढ़ावा दोेने में कई चुनौफतया ँ भार्ा सीखने, संचार और सांस्कृफतक
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बनी हुई हैं। एक महत्तवपण्ष बा्धा ग्रामीण गौरव के फलए फडफजटल स्पस तेजी स े
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क्ेत्ों में फडफजटल इंफ्ास्ट्रक्चर की महत्तवपण्ष होता चला जाएगा।
कमी है, जहाँ यह भार्ा मुख्य रूप स े मौजदोा चुनौफतयों पर काबू पान े
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बोली जाती है। सीफमत इंटरनेट पहँच के फलए सरकारी संस्थाओं, तकनीकी
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और कम स्माट्डिोन पहँच फडफजटल कम्पफनयों और संथाली समदोाय के
साक्रता को सीफमत करती है, फजसस े बीच सहयोग महत्तवपण्ष है। फडफजटल
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लोगों के फलए संथाली सामग्री से जड़ना पहँच को बढ़ाकर और नई सामग्री
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मब्श्कल हो जाता है। इसके अलावा, बनाकर संथाली भार्ा न केवल जीफवत
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बहुत कम शक्फणक संस्थान संथाली रह सकती है, बब्ल्क िल-िूल सकती
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भार्ा पाठ्यक्रम प्दोान करते हैं, फजसके है। इससे संथाल लोगों को दोफनया के
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पररणामस्वरूप पाठकों की संख्या घटती तीव्र आ्धफनकीकरण की दोौड़ में अपनी
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जा रही है। गूगल, फवफकपीफडया और फवफशष्टट सांस्कृफतक पहचान को बनाए
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सोशल मीफडया जैसे प्मुख प्लटिॉम्ष रखने में सशक्त बनाया जा सकता है।
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