Page 36 - Mann Ki Baat - Hindi
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जन भागीदार्ी क े
स्वच्छ भार्त मिशन
साल
का सफल दशक
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₹हम आस-पास दोखें, तो पाएँगे स्वच््छता के फलए दोफनया के सबस े
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फक दोेश के हर फकसी फहस्से में, बड़े जन आदोोलन के 10 वर््ष
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‘स्वच््छता’ को लेकर कोई-ना-कोई
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अनोखा प्यास जरूर चल रहा है। कु्छ ‘मन की बात’ के 114व एफपसोड
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ही फदोन बादो आने वाले 2 अक्तूबर को म प््धानमंत्ी ने दोेश के नागररकों की
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‘स्वच््छ भारत फमशन’ के 10 साल पूरे सराहना की। 2014 म 2 अक्तबर को
हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के शुरू हुए इस अफभयान काे इस एफपसोड
अफभनंदोन का है, फजन्होंने इसे भारतीय के प्सारण के फदोन एक दोशक पूरा होन े
इफतहास का इतना बड़ा जन-आंदोोलन वाला था।
बना फदोया। ये महात्मा गाँ्धी जी को भी
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सच्ी श्द्ांजफल है, जो जीवनपययंत, इस 2014 म जब फदोल्ली म लाल फकले की
उद्देश्य के फलए समफप्षत रहे। प्ाचीर से स्वच््छ भारत फमशन (एसबीएम)
की घोर्णा की गई थी, तो बहुत कम
प््धानमंत्ी नरेन्द्र मोदोी
(‘मन की बात’ सम्बो्धन में ) लोगों ने इस पररवत्षनकारी यात्ा की
कल्पना की होगी। ‘स्वच््छ भारत फमशन’
का शुभारम्भ एक फनयफमत साव्षजफनक
घोर्णा से कहीं अफ्धक था। यह भावुक
“परम्परागत रूप से स्वच््छता एक आह्ान, हाफदो्षक अनुरो्ध और भारत के
कलंक से फघरा हुआ फवर्य था। घरों या माननीय प््धानमंत्ी नरन्द्र मोदोी जी द्ारा
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समदोायों में इस पर खुलकर चचा नहीं अपने पहले स्वतत्ता फदोवस सम्बो्धन के
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की जाती थी। स्वच््छ भारत फमशन न े
स्वच््छता को साव्षजफनक चचा का फवर्य दोौरान राष्टट्र को फदोया गया एक साहफसक
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और सामूफहक फजम्मेदोारी बनाकर फवज़न स्टेटमट था।
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इस कहानी को बदोल फदोया है। इसने इस फमशन को गावों के फलए
एक ‘जन आंदोोलन’ को बढ़ावा फदोया, एसबीएम-ग्रामीण और शहरों के फलए
फजसमें स्कली बच्ों से लेकर गाव क े एसबीएम-शहरी म फवभाफजत फकया गया
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बजगषों तक, कारोबारी नताओं से लेकर है, फजन्ह क्रमशः पेयजल एवं स्वच््छता
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मशहूर हब्स्तयों तक, परा दोेश एक ही मंत्ालय और आवास एवं शहरी मामलों
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दोब्ष्टटकोण के साथ एकजुट हुआ।”
के मंत्ालय द्ारा काया्षब्न्वत फकया जाता
-एम हरर मेनन है।
फनदोेशक, भारत, फबल एंड मफलडा
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गेट्स िाउडेशन फसतम्बर, 2024 तक समूचे भारत म ें
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5.87 लाख से अफ्धक गावों ने ओडीएि
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