Page 31 - Mann Ki Baat - Hindi
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          द्ारा  शुरू  फकया  गया  ‘ककैच  दो  रेन’   को बेहतर बनाने में महत्तवपण्ष योगदोान
          अफभयान दोेश भर में वर्ा्ष जल संचयन   फदोया  है।  इसके  तहत  स्थान-फवफशष्टट
          को बढ़ावा दोेता है। इसके अंतग्षत वर्ा्ष   फवकेन्द्रीकृत  जल  संग्रहण  सम्बं्धी
          का पानी जहाँ भी फगरे, जब भी फगरे, उस  े  फक्रयाकलापों  के  माध्यम  से  वर्ा्ष  जल
          संग्रफहत करने पर ध्यान केंफद्रत फकया   को  स्थानीय  स्तर  पर  संग्रफहत  फकया
          जाता है। यह अफभयान जल संरक्ण और   जाता है, फजससे कृफर् और आजीफवका
          वर्ा्ष जल संचयन पर केंफद्रत है। इसमें   को समथ्षन दोेने के फलए सतही जल की
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          जल स्ोतों का पुनरुद्ार, फजयोटैफगंग,   उपलब््धता और भूजल में वफद् होती है।
          जल  स्ोतों  की  सूची  बनाना,  वैज्ााफनक   लगातार दोो वर्षों (2021-22 और 2022-23)
          जल संरक्ण योजनाएँ फवकफसत करना,    में भारत में भूजल में वफद् और कुल
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          जल शब्क्त केंद्र स्थाफपत करना, गहन   भूजल  फनष्टकर््षण  में  फगरावट  ‘ककैच  दो
          वनरोपण  और  जागरूकता  बढ़ाना       रेन’  अफभयान  के  प्भाव  को  उजागर
          शाफमल है। इससे न केवल जागरूकता    करती  है।  स्थानीय  ्धाराओं/झरनों  के
                                   े
          बढ़ी  है,  बब्ल्क  कई  लोगों,  फवशर्कर   पुनरुद्ार  और  पोर्ण  एवं  आजीफवका
          मफहलाओं और युवाओं में जल संरक्ण   सुरक्ा  के  फलए  म्छफलयों  को  पालन  े
          के महत्तव के प्फत मानफसकता भी बदोली   सफहत जल के अनेक उपयोग हैं। जल
          है, खासकर ग्रामीण क्ेत्ों में, भारत के   जीवन  फमशन  (जेजेएम)  के  तहत  पीन  े
          ‘ककैच दो रेन’ अफभयान ने जल सुरक्ा   के पानी के स्ोत की ब्स्थरता के फलए

































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