Page 37 - Mann Ki Baat - Hindi
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                                                                ्ष
          प्लस दोजा्ष हाफसल कर फलया है, फजसम 3.92   अपने  पया्षवरण  को  संवफ्धत  करने  के
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          लाख से अफ्धक गावों ने ठोस अपफशष्टट   फलए प्ोत्साफहत फकया गया है।
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          प्ब्धन  प्णाली  लागू  की  है  और  4.95    फप्छले एक दोशक म स्वच््छ भारत
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          लाख से अफ्धक गावों ने तरल अपफशष्टट   फमशन  के  अंतग्षत  फकए  गए  फनरंतर
          प्ब्धन  प्णाली  स्थाफपत  की  है।  प्भावी   प्यासों  से  मफहलाओं  की  गररमा  म  ें
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          स्वच््छता प्थाओं के साथ जलजफनत और   स्धार हुआ है, बेहतर स्वास््थ्य पररणाम,
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          स्वच््छता सम्बं्धी बीमाररयों म कमी आई   लड़फकयों की स्कूल उपब्स्थफत म वफद्,
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          है, फजससे समदोाय स्वस्थ बने ह। बेहतर   ्छोटे और सूक्षम उद्फमयों की वफद् और
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                                                   ें
          ठोस और तरल अपफशष्टट प्ब्धन प्थाओं   दोेश भर म ग्रामीण तथा शहरी, दोोनों क्ेत्ों
                                                                      ु
          ने  प्दोर्ण  को  कम  करने  और  बेहतर   म  जीवन  की  समग्र  गुणवत्ता  म  स्धार
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                                                                    ें
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          पया्षवरणीय स्वास््थ्य म योगदोान फदोया है।   हुआ  है।  इस  वर््ष  के  अफभयान  के  तीन
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          इसके अलावा अपफशष्टट प्ब्धन पर जोर   प्मुख स्तभ ‘स्वभाव, स्वच््छता, संस्कार
                              ं
          दोेने से सड़क और साव्षजफनक क्ेत् साफ़-  स्वच््छता’ हः ैं
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          सुथरे हो गए ह, फजससे आस-पास के क्ेत्   1. स्वच््छता लक्षय इकाइयाँ (सीटीयू)ः
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          अफ्धक सुखदो और रहने योग्य हो गए ह।   स्वच््छता  लक्षय  इकाई  (सीटीयू)  का
              ओडीएि  प्लस  का  दोजा्ष  हाफसल   तात्पय्ष  गम्भीर  रूप  से  उपफक्त,  उच्
                                                                 े
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          करने  की  अटूट  प्फतज्ाा  म  सामदोाफयक   जोफखम वाले क्ेत्ों जैसे कचरा स्थल या
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          भागीदोारी को प्ोत्साफहत करने, फनवाफसयों   डम्प  साइट  से  है,  जो  पया्षवरणीय  और
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          के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा     स्वास््थ्य  सम्बं्धी  जोफखम  पदोा  करते  ह,
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          दोेने वाली फवफभन्न पहल शाफमल ह। बेहतर   फजन्ह अक्सर फवफभन्न क्ेत्ों म फनयफमत
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          स्वच््छता  ने  फनवाफसयों  के  बीच  गव्ष  की   सिाई अफभयानों के दोौरान अनदोेखा कर
          भावना को बढ़ावा फदोया है, फजससे उन्ह  ें  फदोया जाता है।











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