Page 33 - Mann Ki Baat - Hindi
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स्थानीय संस्थाओं को जल संरक्ण स  े
            ु
          जड़ी गफतफवफ्धयों की योजना बनाने और
          उन्हें फक्रयाब्न्वत करने के फलए शाफमल
          करने  से  उनका  महत्तव  बढ़ा  है।  गैर-
          सरकारी  संगठनों,  नागररक  समाज
          संगठनों और राष्टट्रीय ककैडेट कोर तथा
                                      ू
          राष्टट्रीय  सेवा  योजना  जैसे  युवा  समहों
          ने  भी  बड़ी  संख्या  में  नागररकों  को
                                    े
          सफक्रय रूप से भाग लेने के फलए प्ररत
                                  ै
          फकया है। इससे व्यापक प्भाव पदोा हुआ
          है।  समदोाय  द्ारा  संचाफलत  ये  प्यास
                ु
          दोीघ्षकाफलक  ब्स्थरता  सफनब्श्चत  करन  े  वाटरशेड और बफसन व्यापक तौर पर
                            ु
                                                         े
          में मदोदो करते हैं।               एकीकृत  जल  संसा्धन  प्ब्धन  की
                                                                   ं
              पारम्पररक  जल  संरक्ण  फवफ्धयों   समग्र  अव्धारणा  में  वर्ा्ष  जल  प्ब्धन
                                                                      ं
                 ु
          काे  आ्धफनक  प्ब्धन  प्णाफलयों  के   को स्थान दोेना महत्तवपण्ष है।
                                                             ू
                         ं
          साथ  जोड़ना  ककैच दो  रेन  की  सिलता   जैसे-जैसे  जलवायु  पररवत्षन  की
                                     ं
          के फलए महत्तवपण्ष है। जल माँग प्ब्धन   गफत  तेज  होगी,  ककैच  दो  रेन  अफभयान
                      ू
          और  बढ़ी  हुई  जल  उपयोग  दोक्ता  के   जलवायु  सशक्तता  और  फटकाऊ  जल
          फलए  अफभनव  जल  प्ब्धन  प्णाफलयों   प्ब्धन  को  प्ाथफमकता  दोेगा।  एआई-
                            ं
                                              ं
          को  जोड़ना  एक  सशक्त  जल  प्ब्धन   संचाफलत  जल  फनगरानी,  पवा्षनुमाफनत
                                     ं
                                                                 ू
          और  जलवायु  अनुकूलन  के  फलए      मौसम  फवश्लेर्ण  और  जलवायु-
                ू
          महत्तवपण्ष  होगा।  खेत-खफलहान,  गाँव,   अनुकूल  वर्ा्ष  जल  संचयन  प्णाली
                                            जैसी  उभरती  हुई  प्ौद्ोफगफकयों  स  े
                                            भफवष्टय  की  रणनीफतयों  में  महत्तवपण्ष
                                                                        ू
                                            भफमका फनभाने की उम्मीदो है। समदोाय-
                                                                      ु
                                             ू
                                            आ्धाररत वाटरशेड प्ब्धन का फवस्तार
                                                             ं
                                            करना,  साव्षजफनक-फनजी  भागीदोारी
                                            को  मजबूत  करना  और  ज्ाान  एव  ं
                                            प्ौद्ोफगकी  के  आदोान-प्दोान  के  फलए
                                            राष्टट्रीय और अंतरराष्टट्रीय सहयोग को
                                            बढ़ाना महत्तवपण्ष होगा। फनष्टकर््ष के तौर
                                                       ू
                                            पर ककैच दो रेन अफभयान जल सम्बं्धी
                                            सुरक्ा  का  समा्धान  करने  के  फलए
                                            समदोाय द्ारा संचाफलत जल संरक्ण की
                                               ु
                                            शब्क्त को प्दोफश्षत करता है।

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