Page 34 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 34
कैच द रेन अभि्ययान
“बाररश के पदनों मेें बचा्या ग्या िानी, जल संकटि के
मेहीनों मेें बहुत मेदद करता है और ्यही ‘कैच द रयेन’ जैस ये
अपि्यानों की िावना है। मेुझ खुशी है पक िानी के संरक्ण को
“सापथ्यो, कहीं नारी-शस्क्त जल-शस्क्त को बढ़ाती है
तो कहीं जल-शस्क्त िी नारी-शस्क्त को मेज़बूत करती है।”
लकर कई लोग नई िहल कर रह हैं।”
- प्रधिानमंत्री नरेन्दद् मोदी
ये
ये
‘मन की बात’ के सम्बोधिन में
ये
जल प्रबंधिन में जमीनी स््तर
पर प्र्ययाि
उत्तर प्रदेश में जल
िंरक्षर्
हमे जल सहयेपल्यों न एक बैठक
ये
आ्योपजत की और अिन गाँव मेें लम्बये समे्य
ये
ये
स सूखी घुरारी नदी के िुनरुद्ार के पलए
ये
ये
कामे करन का िैसला पक्या। रत खोदन,
ये
ये
ये
उस बोरर्यों मेें िरन और चक डैमे बनान के
ये
ये
पलए उन्दहें एक साथ रखन मेें हमेें कई पदन
ये
लग गए। हमेें कई चुनौपत्यों का सामेना करना
िड़ा। हमेन जो बोरर्याँ एक साथ रखी थीं,
ये
ये
मीना, जले सहेलेी उन्दहें कुछ लोगों न िेंक पद्या, लयेपकन हमे डर ये
ये
ये
ये
स्वयं सहायता नहीं। व कई पदनों तक बोरर्यां िेंकत रह और
ये
ये
समह की सदस्य हमे उन्दहें एक साथ रखत रह। आपखरकार
तू
ये
उन्दहें हमेार साहस के आग झुकना िड़ा और
ये
ये
हमे चक डैमे बनान मेें सफ़ल रह। ये
ये
30
30