Page 18 - Mann Ki Baat - Hindi
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मेरी माटी मेरा दश
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                                  आज़ादी क अमृत महोत्सव क़ा सम़ापन
                                           े



            शहीि ्ीि-्ीिांगनाओं को सममान     आज़ािी  के  75  साल  औि  अपन  े
                      े
                               े
        िेने  के  दलए  ‘मिी  माटी  मिा  िेश’   लोगों,  संसकृदत  औि  उपलशबधयों  के
        अदभयान  शुरू  दकया  जा  िहा  है।  इस   गौि्शाली  इदतहास  का  जश्न  मनान  े
        अदभयान  के  तहत  िेश-भि  में  ‘अमृत   औि समिण किने के दलए प्धानमंत्ी
        कलश  यात्ा’  भी  दनकाली  जाएगी।  य  े  निनद्र  मोिी  द्ािा  12  माि्व,  2021  को
                                            े
        यात्ा अपने साि िेश के अलग-अलग     गुजिात में साबिमती से िांडी तक एक
        दहससों से पौधे लेकि भी आएगी, दजनस  े  प्तीकातमक  माि्व  के  साि  ‘आज़ािी
        िा्ट्ीय ्ाि मेमोरियल के समीप ‘अमृत
        ्ादटका’ का दनमा्वण दकया जाएगा। य  े  का  अमृत  महोतस्’  शुरू  दकया  गया
        ्ादटका ‘एक भाित-श्रे्ठ भाित का’ भी   िा। िेश के लोगों औि उन लोगों को
        बहुत ही भवय प्तीक बनेगी।          समदप्वत,  दजनहोंने  भाित  को  उसकी
                    -प्धानमंत्ी निनद्र मोिी   द्कासपिक  यात्ा  में  इतना  आग  े
                               े
                                                          ू
                                                      ू
             (‘मन की बात’ के समबोधन में )  लाने में महत््पण्व भदम का दनभाई है।
                                          यह महोतस् भाित्ादसयों की भीतिी
                                          शशकत औि क्मता को बनाए ि्खने के
                                          दलए औि सममादनत किने के दलए है।
                                          िो ्रथों की अ्दध में kअमृत महोतस्l ने
                                           ू
                                          पिे िेश को अपने िंग में िंग दलया औि
         “मेिी माटी मेिा िेश पहल एकता औि   इसमें बड़े पैमाने पि िेश भि ने दहससा
         एकजुटता पि िमकती एक उज््ल        दलया। यह भवय उतस् अपने समापन
         िोशनी  की  तिह  है।  यह  हमािे  िेश   की ओि बढ़ िहा है औि सिकाि ने न
         के  प्दत  अपना  पयाि  दि्खाने  औि
                                                       ं
         हमािी आज़ािी के दलए लड़ने ्ालों   के्ल हमािे स्तत्ता सेनादनयों, बशलक
                                                 ू
         का सममान किने के बािे में है। हम   हमािी  भदम,  हमािे  िा्ट्  का  सममान
         जादत,  धम्व  औि  भारा  जैसे  मतभेिों   किने के दलए एक औि मेगा कैमपन
                                                                      े
         को पीछे छोड़कि एक मज़बूत औि       ‘मिी माटी मिा िेश’ शुरू दकया है।
                                                    े
                                            े
         एकजुट िा्ट् के रूप में एक साि आ     अमृत  महोतस्  ने  िो  ला्ख
         िहे हैं।”
                        -दनम्वलकांत पांडे  से  अदधक  काय्वक्मों  के  साि  जन
                          यु्ा प्दतभागी   भागीिािी के माधयम से जन महोतस्


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