Page 13 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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डॉ. मदन मपण : िेशेंट को भी देख   में  कंसलटेशन  होता  है  तो  डॉ्टर  को
          िाते हैं जी।                      ््या फी् होता है, िेशेंट को ््या फी्
              प्धानमत्री  जी  :  िेशेंट  को  ््या   होता है ?
                   ं
          फीप्ंग आता है ?                      डॉ. मदन मपण : जी, वो हम ्ोग को
              डॉ. मदन मपण : िेशेंट को अचछा   भी ्गता है पक अगर िेशेंट को ्गता
          ्गता है, ््योंपक डॉ्टर को नज़दीक   है पक डॉ्टर को देखना चापहए, तो हम
                                    ु
          से वो देख िाता है। उसको कॉनफ्यज़न   ्ोग को, जो-जो चीज़ें देखना है, वो हम
          रहता है पक उसका दवा िटाना है, बढ़ाना   ्ोग, CHO को बो् के, वीपड्यो में ही हम
          है,  ््योंपक  पसक्कम  में  ़ज्यादातर  जो   ्ोग देखने के प्ए बो्ते हैं और कभी-
          िेशेंट होते हैं, वो डा्यपबटीज, हाइिरटेंशन   कभी तो िेशेंट को वीपड्यो में ही नज़दीक
          के  आते  हैं  और  एक  डा्यपबटीज  और   में आ के उसकी जो िरेशापन्याँ हैं अगर
          हाइिरटेंशन की दवा को चेंज करने के   पकसी को चम्म का प्ॉ््म है, कसकन का
          प्ए  उसको  डॉ्टर  पम्ने  के  प्ए   प्ॉ््म  है तो वो हम ्ोग को वीपड्यो स  े
                               े
                                                             ु
          पकतना दूर जाना िड़ता है, ्पकन टे्ी-  ही पदखा देते हैं, तो संतकष्ट रहता है उन
          कंसलटेशन के थ्ू वहीं पम् जाता है और   ्ोगों को।
          दवा भी हेलथ एंड व्नेस सेंटर में फ्ी   प्धानमत्री जी : और बाद में उसका
                                                     ं
                         े
          ड्रगस इपनपशएपटव के थ् पम् जाता है,   उिचार  करने  के  बाद  उसको  संतो्
                            ू
          तो वहीं से दवा भी ्ेके जाता है वो।  पम्ता है, ््या अनुभव आता है? िेशेंट
                   ं
              प्धानमत्री  जी  :  अचछा  मदन   ठीक हो रहे हैं?
          मपणजी, आि तो जानते ही हैं पक िेशेंट   डॉ.  मदन  मपण  :  जी,  बहुत  संतो्
          का एक सवभाव रहता है पक जब तक      पम्ता है। हमको भी संतो् पम्ता ह  ै
          वो डॉ्टर आता नहीं है, डॉ्टर देखता   सर, ््योंपक मैं अभी सवास्थ्य पवभाग में
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          नहीं है, उसको संतो् नहीं होता है और   हँ  और  साथ-साथ  मैं  टे्ी-कंसलटेशन
          डॉ्टर को भी ्गता है ज़रा मरीज़ को   भी  करता  हँ  तो  फाइ्  के  साथ-साथ
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          देखना िड़ेगा, अब वहाँ सारा ही टेप्कॉम   िेशेंट  को  भी  देखना  मेरे  प्ए  बहुत
                                            अचछा, सुखद अनुभव रहता है।
                                                     ं
                                               प्धानमत्री  जी  :  एवरेज,  पकतन  े
                                            िेशेंट  आिको  टे्ी-कंसलटेशन  केस
                                            आते होंगे?
















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