Page 9 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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          जाते हैं। ्ये क्ा और संगीत जगत की   इस्रूमेंट की धुनों को सुनना पिछ्े 50
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          ्ोकपप््यता  बढ़ाने  के  साथ  ही  इसकी   और 60 के दशक से ही द््मभ हो चुका
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          समपधि में अिना ्योगदान दे रहे हैं। इनमें   था, ्पकन जॉ्यदीि सुरपसंगार को पफर
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          वे क्ाकार भी शापम् हैं, पजनहोंने उन   से िॉि्र बनाने में जी-जान से जुटे हैं।
          इस्रूमेंरस में नई जान फूकी है, पजनकी   उसी प्कार बहन उपि्िू नागमपणजी
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          िॉि्ररटी सम्य के साथ कम होती जा   का प््यास भी बहुत ही प्रक है, पजनहें
          रही थी। अब आि सभी इस ट्न को       मैनडोप्न  में  कना्मटक  इस्रूमेंट्
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                                                                  ं
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          ध्यान से सपनए ...                 के  प्ए  ्यह  िुरसकार  पद्या  ग्या  है,
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                                            वहीं  सग्राम  पसंह  सुहास  भंडारे  जी  को
                                            वारकरी कीत्मन के प्ए ्यह िुरसकार
                                            पम्ा  है।  इस  प्सट  में  पसफ्फ  संगीत
                                                                       ु
                                            से जुड़े क्ाकार ही नहीं हैं – वी दगा्म
                                                                       ै
                                            देवीजी  ने  नृत्य  की  एक  प्ाचीन  श्ी,
                (सकैन करें और सुनें।)       ‘करकट्म’ के प्ए ्यह िुरसकार जीता
                                            है। इस िुरसकार के एक और पवजेता
                                                                 े
              ््या  आि  जानते  हैं  ्ये  कौन-सा   राज  कुमार  ना्यकजी  ने  त्ंगाना  के
          इस्रूमेंट है? समभव है आिको िता न भी   31 पज़्ों में 101 पदन तक च्ने वा्ी
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          हो! इस वाद्य्यंत्र का नाम ‘सुरपसंगार’   िेररनी ओपडसी का आ्योजन पक्या था।
          है  और  इस  धुन  को  त्यार  पक्या  ह  ै  आज  ्ोग  इनहें  िेररनी  राजकुमार  के
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          जॉ्यदीि  मुखजजी  ने।  जॉ्यदीि  जी,   नाम से जानने ्गे हैं। िेररनी नाट्म,
          उसताद पबकसमल्ाह ़खान िुरसकार स  े  भगवान पशव को समपि्मत एक नृत्य है,
          सममापनत  ्युवाओं  में  शापम्  हैं।  इस   जो काकती्य डा्यनेसटी के दौर में काफी
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