Page 17 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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हो  ्या  पफर  UPI,  ्ये  ईज़  ऑफ़  प्पवंग   पक्या ग्या। इसमें आठ ्ाख से ़ज्यादा
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          को  बढ़ाने  में  बहुत  मददगार  सापबत     श्धिा्ु  शापम्  हुए,  ्पकन  ््या  आि
                                                                 े
          हुए हैं।                          जानते हैं पक ्यह इतना पवश् ््यों है?
                                            पवश् इसप्ए, ््योंपक इस प्था को 700
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              मेरे  प्यारे  देशवापस्यो,  जब  पकसी   सा् के बाद िुनजजीपवत पक्या ग्या है।
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          देश  में  पव्ुपत  हो  रहे  पकसी  िक्ी  की   ्यँ तो ्ये िरमिरा हज़ारों व््म िुरानी है,
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          प्जापत  को,  पकसी  जीव-जंतु  को  बचा   ्पकन दभा्मग्य से 700 सा् िह्े बंगा्
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          प््या जाता है, तो उसकी िूरी दपन्या में   के पत्रवेणी में होने वा्ा ्ये महोतसव बंद
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          चचा्म होती है। हमारे देश में ऐसी अनेकों   हो ग्या था। इसे आज़ादी के बाद शुरू
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          महान िरमिराएँ भी हैं, जो ्ुपत हो चुकी   पक्या  जाना  चापहए  था,  ्पकन  वो  भी
          थीं, ्ोगों के मन-मकसतष्क से हट चुकी   नहीं  हो  िा्या।  दो  व््म  िह्े,  सथानी्य
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          थीं, ्पकन अब इनहें जन भागीदारी की   ्ोग और ‘पत्रवेणी कुमभो िोररचा्ोना
          शक्त से िुनजजीपवत करने का प््यास हो   शॉपमपत’ के माध्यम से ्ये महोतसव पफर
          रहा है तो इसकी चचा्म के प्ए ‘मन की   शुरू हुआ है। मैं इसके आ्योजन से जुड़े
          बात’ से बेहतर मंच और ््या होगा ?  सभी ्ोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हँ।
                                                                        ू
              अब जो मैं आिको बताने जा रहा   आि पसफ्फ एक िरमिरा को ही जीपवत
          हँ,  वो  जानकर  वाकई  आिको  बहुत   नहीं कर रहे हैं, बकलक आि भारत की
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          प्सन्नता होगी, पवरासत िर गव्म होगा।     सांसककृपतक पवरासत की भी रक्ा भी कर
          अमेररका  में  रहने  वा्े  श्ीमान  कंचन   रहे हैं।
          बैनजजी ने पवरासत के संरक्ण से जुड़े ऐस  े  सापथ्यो, िकशचम बंगा् में पत्रवेणी
          ही एक अपभ्यान की तरफ मेरा ध्यान   को सपद्यों से एक िपवत्र सथ् के रूि में
          आकप््मत पक्या है। मैं उनका अपभनंदन   जाना जाता है। इसका उल्ेख पवपभन्न
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          करता  हँ।  सापथ्यो,  िकशचम  बंगा्  में   मंग्काव्य,  वष्णव  सापहत्य,  शा्त
          हुग्ी पज़्े के बांसबेरर्या में इस महीन  े  सापहत्य और अन्य बंगा्ी सापहकत्यक
          ‘पत्रवेणी कुमभो मोहोतशौव’ का आ्योजन   ककृपत्यों  में  भी  पम्ता  है।  पवपभन्न


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