Page 11 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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एमबीबीएस धनबाद से पक्या और पफर    पक काफी बद् ग्या है।
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          बनारस  पहनद  ्यपनवपस्मटी  से  एमडी   प्धानमत्री जी : तो पकतने सा् हो
          पक्या।  वो  ग्रामीण  इ्ाकों  के  सैकड़ों   गए आिको बनारस छोड़े ?
          ्ोगों को टे्ी-कंसलटेशन दे चुके हैं।  डॉ. मदन मपण : बनारस 2006 स  े
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              प्धानमत्री  जी  :  नमसकार  मदन   छोड़ा हुआ हँ सर।
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          मपणजी।                               प्धानमत्री  जी  :    ओह...  पफर  तो
              डॉ. मदन मपण : जी नमसकार सर।   आिको ज़रूर जाना चापहए।
              प्धानमत्री जी :  मैं नरनद् मोदी बो्   डॉ. मदन मपण : जी... जी।
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          रहा हँ। ू                            प्धानमत्री  जी  :  अचछा,  मैंने  फ़ोन
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              डॉ. मदन मपण : जी... जी सर।    तो इसप्ए पक्या पक आि पसक्कम के
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              प्धानमत्री जी : आि तो बनारस में   अंदर दूर-सुदूर िहाड़ों में रहकर के वहा  ँ
          िढ़े हैं।                          के ्ोगों को टे्ी-कंसलटेशन का बहुत
              डॉ. मदन मपण : जी मैं बनारस में   बड़ी सेवाएँ दे रहे हैं।
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          िढ़ा हँ सर।                           डॉ. मदन मपण : जी।
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              प्धानमत्री  जी  :  आिका  मपडक्   प्धानमत्री जी : मैं ‘मन की बात’
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          एजुकेशन वहीं हुआ।                 के श्ोताओं को आिका अनुभव सुनाना
              डॉ. मदन मपण : जी... जी।       चाहता हँ। ू
              प्धानमत्री जी : तो जब आि बनारस   डॉ. मदन मपण : जी।
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          में थे, तब का बनारस और आज बद्ा       प्धानमत्री जी : जरा मुझे बताइए,
          हुआ बनारस कभी देखने गए पक नहीं    कैसा अनुभव रहा?
          गए।                                  डॉ.  मदन  मपण  :  अनुभव  बहुत
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              डॉ.  मदन  मपण  :  जी  प्धानमत्री   बपढ़्या रहा प्धानमत्री जी। ््या है पक
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          जी, मैं जा नहीं िा्या हँ, जबसे मैं वािस   पसक्कम  में  बहुत  नज़दीक  का  जो
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          पसक्कम आ्या हँ, ्पकन मैंने सुना ह  ै  PHC है, वहाँ जाने के प्ए भी ्ोगों को
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