Page 41 - Mann Ki Baat Hindi
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तटमलनाडु  के  याज  नेचुरलस  की   भारत के पुनटनमामामाण की सश्त ताकत

           े
          प्ररणादायक  यात्रा  अशोक  जगदीशन   बन सकती है।
          और प्रम सेल्वराज जैसे दूरदशमी लोगों   इसी  तरह,  झारखंड  के  आशीष
               े
              ु
          से  शर  हुई।  अपने  कॉपदोरि  कररयर   सतयव्रत साहू जैसे उद्मी इस कहानी को
                               े
          को छोड़कर उनहोंने सथानीय संसाधनों
          की क्षमता को पहचाना। घास और केल  े

          के रेशे से योगा मि बनाना और उनहें
                        ै
          प्राककृटतक रंगों से रंगना- इनके उतपाद

          आज ्वैशश्वक बाजार में ्वहनीयता और
          कलयाण  के  प्रतीक  बन  चुके  हैं।  यह

          पहल के्वल पयामा्वरण अनुककूल उतपाद
          बनाने  की  नहीं,  बशलक  सामुदाटयक

          सश्तीकरण  की  टमसाल  है-टजसन  े
          सैकड़ों परर्वारों को रोजगार और गररमा

          दी है। यह दशामाता है टक ‘परमपरा’ जब
          ‘न्वाचार’ के साथ जुड़ती है, तो ग्ामीण


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