Page 37 - Mann Ki Baat Hindi
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आज  भारत  सरकार  संसककृटत     UNESCO की सूची में जब छठ पूजा
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          मत्रालय और ट्वटभन्न राजयों के माधयम   शाटमल  होगी  तो  यह  भारत  की  उस
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          से इस टदशा में सटक्रय है। दगामा पूजा के   जीट्वत परमपरा की ट्वश्वसतरीय मानयता
          बाद अब छठ पूजा को भी इस सममान     होगी जो ‘लोक’ और ‘प्रककृटत’ के बीच
          तक पहँचाने की कोटशश जारी है। यह   ‘पट्वत्र ररशता’ क़ायम करती है।
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          न टसफ़्फ एक धाटममाक अनष्ठान है बशलक   भारत की ये अमतमा धरोहरें हमें यह
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          पयामा्वरण, परर्वार और समाज के प्रटत   याद टदलाती हैं टक हमारी संसककृटत के्वल
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          भारतीय दशष्िकोण का संदर प्रतीक है।  अतीत  की  कहानी  नहीं  है।  यह  हमार  े
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              िंसककृसत िे ि्वाद का नया दौर  ्वतमामान की पहचान और हमारे भट्वष्य
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              छठ पूजा के दौरान घािों पर गँजन  े  की प्ररणा है। जब भारत की परमपराए  ँ
          ्वाले गीत, मटहलाओं का संयम और श्रद्धा   ्वैशश्वक मंच पर सममान पाती हैं तो यह
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          तथा सयमा को अधयमा देने का दृशय अब   टसफ़्फ  गौर्व  की  बात  नहीं,  बशलक  उस
          न के्वल भारत में बशलक ट्वदेशों में भी   ट्वरासत  के  पुनजामागरण  का  संकेत  ह  ै
          लोगों को भा्वनातमक रप से जोड़ता है।   टजसे हमने सहेज कर रखा है।
































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