Page 40 - Mann Ki Baat Hindi
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में  बदला्व  करके  और  सतत  उतपादन   का  आधार  बनाते  हुए  उनहोंने  कई

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        के  माधयम  से  सश्त  टकया  जा  रहा   बार  इस  क्षत्र  की  न्वोनमषी  पहलों  की
        है। कारीगर और उद्मी अब साझेदार    सराहना की है। ‘मन की बात’ के 126्वें
        बनकर काम कर रहे हैं, यह संगम हमार  े  संसकरण में उनहोंने याज नेचुरलस के
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        युग की रचनातमकता का प्रतीक है।    अशोक  जगदीशन  और  प्रम  सेल्वराज,
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            प्रधानमत्री नरनद् मोदी ने भारत के   तथा झारखंड के जोहारग्ाम के आशीष
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        स्वदेशी  करघा  उद्ोग  को  पुनजमीट्वत   सतयव्रत साहू जैसे उद्टमयों की प्रशंसा
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        करने  में  महत््वपणमा  भटमका  टनभाई  है।   की, टजनहोंने परमपरा और न्वाचार को
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        ्वोकल  फॉर  लोकल  और  स्वदेशी  की   जोड़कर भारत की सांसककृटतक ट्वरासत
        भा्वना को आतमटनभमार भारत के टनमामाण   को ्वैशश्वक पहचान टदलाई है।


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            “अपने पुशतनी हथकरघा समुदाय की टगरा्वि देखकर मैंन  े
        कॉपदोरि नौकरी छोड़ दी और प्राककृटतक घास से टिकाऊ
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        योगा मि बनाना शर टकया। हमारा लक्य परमपरा और
        न्वाचार को जोड़ना है—जैसा टक हमारे नए ‘समाि्ट योगा मि’
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        में देखा जा सकता है—और एक 5F हथकरघा ग्ाम सथाटपत

        करना है टजससे हजारों कारीगरों को लाभ टमले।”

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                                           -अशोक (या़ि निुरलि, तसमलनाडु)



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