Page 44 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 44
प्रभावशाली आंदोलनों में ्से एक ्ा। एक करतिे हुए, ग्रामीणों को एकजुट करके
दशक बाद 1928 के बारिोली ्सतयाग्रह और उनहें शांति लेक्कन दृढ़ ्संककलपति
ने ्सरदार पटेल को एक जननेतिा के रूप रहने के क्लए, माग्षदश्षन देकर इ्सका
में स्ाक्पति क्कया। जब अंग्रेज़ों ने ग्भीर जवाब क्दया। उनके अटूट नैक्तिक ्साह्स,
ककृक्र ्संकट के बावजूद भू-राजसव में 22 प्रेरक वातिा्ष और रणनीक्तिक क्नयोजन,
प्रक्तिशति की अनयायपूण्ष वृक्द लागू की तिो क्ज्समें बारिोली ्सतयाग्रह पक्त्का की
बारिोली के क्क्सानों ने नेतिृतव के क्लए 9000-12000 प्रक्तियों का दैक्नक क्वतिरण
वललभभाई पटेल की ओर रुख़ क्कया। भी शाक्मल ्ा, ने अंग्रेज़ों को कर वृक्द
उनहोंने उललेखनीय अनुशा्सन ति्ा वाप्स लेने के क्लए मजबूर कर क्दया।
सपषटतिा के ्सा् आंदोलन का आयोजन
उनके दृढ़ ्सम््षन और क्पतिातिुलय नेतिृतव
्से प्रभाक्वति होकर, बारिोली के लोगों ने
उनहें ‘्सरदार’ की उपाक्ध ्से ्स्माक्नति
क्कया। यह एक ऐ्सा नाम है जो तिब ्से
उनकी पहचान बन गया है।
्स्पूण्ष सवतिंत्तिा ्सग्राम के दौरान व े
ं
आंदोलन के एक अक्िग सति्भ बने रहे।
ू
उनहोंने अ्सहयोग आंदोलन में महत्वपण्ष
ू
भक्मका क्नभाई, दमनकारी क्रिक्टश नीक्तियों
का क्वरोध क्कया और 1942 के ‘भारति
छोडो आंदोलन’ ्सक्हति कई बार जेल
44
44

