Page 42 - Mann Ki Baat - Hindi
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सिदाि वल्लभभाई पटे्ल




                                               दृढ़ इच्थाशक्त के प्रतीक






























            “एकतिा के क्बना जनशक्ति तिाकति नहीं है, इ्सक्लए उ्से उक्चति रूप ्से ्समकनवति
        ति्ा एकजुट क्कया जाना आवशयक है, और ऐ्सा  करने पर वह आधयाकतमक शक्ति बन
        जातिी है।”

                                                       -सिदाि वल्लभभाई पटे्ल


            इ्स वर्ष का राषट्रीय एकतिा क्दव्स (31 अ्तिूबर) भारति के प्र्म उप-प्रधानमंत्ी और
        गृहमंत्ी ्सरदार वललभभाई पटेल की 150वीं जयंतिी का प्रतिीक है। राषट्र एक ऐ्से नेतिा को
        भावभीनी श्रदांजक्ल अक्प्षति करतिा है क्जनका जीवन एकतिा के क्वचार को ्साकार करतिा

        ्ा। ‘भारति के लौह पुरुर’ के रूप में क्वखयाति, ्सरदार पटेल ने ्सामूक्हक इचछाशक्ति को
        ्सामूक्हक तिाकति में पररवक्ति्षति क्कया और लाखों लोगों की आकांक्ाओं को एक एकीककृति
        राषट्रीय पहचान में बदल क्दया।
            31 अ्तिूबर, 1875 को गुजराति के खेडा क्ज़ले के नाक्ियाि में एक देशभ्ति क्क्सान
        क्पतिा- झावेरभाई और धाक्म्षक एवं मेहनतिी मातिा लािबा के घर जनमे वललभभाई पटेल


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