Page 43 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 43

ु
          एक ्साधारण पररवार ्से उठकर भारति के   ्सक्नकशचति की और नागररक ्सेवकों को
                                                       ू
          ्सब्से ्स्माक्नति वयक्तियों में ्से एक बने।   ्स्माक्नति  मह्स्स  कराया।  कई  बार  वे
          नाक्ियाि हाई सकूल का मेधावी छात् होने   सवयं ्सफाई के क्लए झाड़ू और कचरा
          के नातिे, शुरू ्से ही वे कानून की पढ़ाई   गाडी ले जातिे ्े।
          करने के क्लए दृढ़ ्संककलपति ्े। 1912   उनकी  राजनीक्तिक  यात्ा  तिब  शुरू
          में, उनहोंने इंगलि के क्मक्िल टे्पल ्से   हुई जब महातमा गाँधी ने 1918 में खेडा
                      ैं
          रोमन लॉ में क्िकसटं्शन के ्सा् स्ातिक   ्सतयाग्रह में उनहें अपना क्िपटी चुना। यह

          की  उपाक्ध  प्रापति  की।  उनहोंने  1913   ्सरदार  पटेल  के  शुरुआतिी  और  ्सब्से
          में भारति लौटने के बाद अहमदाबाद में
          अपनी  वकालति  की  प्रैक्ट्स  में  प्रक्तिषठा
          प्रापति की। 1915 में वे गुजराति ्सभा के
          ्सदसय  बने  और  1924  में  अहमदाबाद
          नगर  बोि्ट  के  अधयक्  चुने  जाने  पर  वे
          ईमानदार और कुशल प्रशा्सन के आदश्ष

          बन गए। उनहोंने सवचछतिा, ्सफाई और
          पारदशवी प्रशा्सन पर धयान केंक्द्रति क्कया।
          उनहोंने  सवयं  जल  क्नका्सी  लाइनों  का
          क्नरीक्ण क्कया, कचरा ्सफाई अक्भयानों
          का पय्षवेक्ण क्कया, सवचछ जल आपूक्ति्ष




                                        43
                                        43
   38   39   40   41   42   43   44   45   46   47   48