Page 38 - Mann Ki Baat - Hindi
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कृ
                                  प्राचीन काल ्से ही भारति के इक्तिहा्स, ्संसकक्ति और
                               क्म्कों में शवान अ्ा्षति कुत्तों को ्स्मानजनक स्ान क्मला
                               है। देशी भारतिीय नसलों के ्साह्स, क्नषठा और दमखम की
                               ल्बे ्समय ्से प्रशं्सा होतिी रही है। ग्रामीणों और उनके
                               आ्स-पा्स के कुत्तों के बीच ्सामाक्जक ्संबंध के अलावा
                                                 े
                               शाही दरबारों और युदक्त्ों में उनकी उपकस्क्ति, मानव
                               और कुत्तों के बीच गहरा ्संबंध दशा्षतिी है क्ज्से भारति की
                               ्सक्नक और ्सांसकक्तिक क्वरा्सति में देखा जा ्सकतिा है।
                                ै
                                            कृ
                                  इ्स गौरवशाली क्वरा्सति का एक नया अधयाय अगसति
                               2020 में शुरू हुआ, जब हमारे माननीय प्रधानमंत्ी ने अपन  े
                               ‘मन की बाति’ काय्षरिम में, ्सुरक्ा बलों ्सक्हति देश भर के
                               लोगों ्से अपील की क्क वे शवान की भारतिीय नसल अपनाए  ँ
                                                                 ें
                                     ें
                               और उनह बढ़ावा दें। उनकी यह अपील आतमक्नभ्षर भारति
                               और वोकल फ़ॉर लोकल की भावना के अनुरूप ्ी। इ्स
                 े
          डॉ. शमशि भसंह        आह्ान ने आतमक्नभ्षरतिा, राषट्रीय गव्ष और देशी पुनरुत्ान
                ु
          भारतिीय पक्ल्स ्सेवा   की नींव पर आधाररति एक राषट्रीय आंदोलन को प्रररति क्कया।
                                                                े
          अपर महाक्नदेशक
                                              े
                                                      े
       बीए्सएफ़ अकादमी, गवाक्लयर  इ्स राषट्रीय उद्शय के मद्नज़र ्सीमा ्सुरक्ा बल
                               अकादमी,  गवाक्लयर  के  राषट्रीय  शवान  प्रक्शक्ण  केनद्र
                               (नेशनल ट्रेक्नंग ्सेंटर फॉर िॉग्स) ने भारतिीय K9 नसल
       भािरीय नस्लें,          के कुत्तों को ऑपरेशनल उपयोग में लाने का प्रक्शक्ण
                               देना शुरू क्कया। इ्स नसल की अब तिक अनदेखी होतिी
       अववशवसनीय               रही ्ी।
                                  यह यात्ा, उपयु्ति भारतिीय नसल चुनने के शोध
       कािनामे :               ्से आर्भ हुई हालाँक्क अनेक सवदेशी नसलों का ्सैनय
                               अक्भयानों ्से ऐक्तिहाक््सक ्संबंध रहा है, पर ्सीमा ्सुरक्ा
       भथारत में सवदेशी K9     बल ने दो नसलों — रामपुर हाउंि और मुढोल हाउंि
                               को चुना। इनमें एक उत्तरी मैदानी इलाक़ों की नसल है,
          ां
       रिथाक्त में अग्रणी ्सीमथा   जो पकशचमी और पूववी ्सीमाओं की पररकस्क्तियों के क्लए
                               अनुकूल है, जबक्क दू्सरी दक्क्ण के पठार की नसल है,
       ्सुरक्था बल             जो अक्धक तिगडी और दमदार मानी जातिी है।
                                  दोनों ही नसलों ने, देश की जलवायु ्संबंधी पररकस्क्तियों
                                    े
                               और क्त्ीय भौगोक्लक क्वक्वधतिा को देखतिे हुए बेहतिरीन
                               अनुकूलन क्मतिा प्रदक्श्षति की है। यही नहीं, ल्बी अवक्ध
                               के अक्भयानों में उनके दमखम और धैय्ष ने उनहें ्सीमावतिवी
                               और मैदानी कायषों के उपयु्ति क््सद क्कया है। इन नसलों


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