Page 56 - MAAN KI BAAT - HINDI
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यह ज्सफ़्क ्ेहनत नहीं होतमी, बबलक उ्स्ें
                                          पमीजढ़यों कमी जवरा्सत और रचनात्कता का
                                          ्संग् भमी शाज्ल होता है।

                                              कारीगरों का योगदान
                                              भारत कमी आत्ा उ्सके गाँव-गलमी ्ें

                                          ब्सने वाले कारमीगरों ्ें हमी छुपमी है। उनका
                                          हुनर ह्ें यह ज्सखाता है जक ्ेहनत और
                                          लगन ्से हमी राषट् कमी असल तसवमीर बनतमी

                                          है।  उनकमी  कारमीगरमी  ह्ें  यह  एह्सा्स
                                          जदलातमी  है  जक  ्सभयता  और  ्संसकृजत

                                          केवल  जकताबों  ्से  नहीं  बबलक  हुनर्ंद
                                          हाथों कमी ्ेहनत ्से भमी जमीजवत रहतमी है।

        तो उनके हुनर को और भमी बड़े सतर पर     आज  कमी  पमीढ़मी  के  जलए  यह  बेहद
        पहचान जदलाने कमी जरूरत है। जब कोई   ्हतवपमूण्म  है  जक  वे  इन  जशलपकारों  को
        लोहार अपने हथौड़े ्से औजार गढ़ता है,   ्सम्ान  कमी  नजर  ्से  देखें  और  उनके

        जब  कुमहार  अपने  चाक  पर  ज्ट्मी  को   योगदान  को  ्स्झें।  कयोंजक  जब  तक
        आकार देता है या जब ्मूजत्मकार पतथर   राषट्  अपने  श्ज्कों  और  कारमीगरों  का
        को  काटकर  कला  का  रूप  देता  है  तो   ्सम्ान  नहीं  करता,  तब  तक  उ्सकमी


























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