Page 59 - MAAN KI BAAT - HINDI
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्सनदेश ्से प्रेररत करते हैं। एक इतालवमी   ्से 16 वष्म कमी आयु के रू्समी बच्ों कमी,
          नगर ्ें उनकमी उपबसथजत याद जदलातमी है   रा्ायण ्से प्रेररत जवषयों पर बनाई गई
          जक भारत के प्राचमीन ऋजषयों का नैजतक   पेंजटंग्स प्रदजश्मत हुईं। इ्स्से सपषट होता

                                                                        मू
          ्ाग्मदश्मन, भौगोजलक ्समी्ाओं और ्स्य   है जक यह ्हाकावय, भारत ्से बहुत दर
          ्से कहीं आगे है।                  रहने वालों के ्साथ भमी जकतनमी गहराई ्से

              इ्समी प्रकार कनाडा के ज््समी्सागा ्ें,   जुड़ा है। यह प्रया्स बताते हैं जक जवशव
          भगवान श्मीरा् कमी 51 फुट ऊँचमी प्रजत्ा   सतर पर भारतमीय ्संसकृजत उन लोगों द्ारा
          के अनावरण ने भारतमीय प्रवा्समी ्स्ुदाय   भमी जक्स नई दृबषट ्से देखमी और उत्सव

          और अनय के बमीच उत्साह कमी लहर पैदा   कमी तरह ्नाई जा रहमी है जजनका भारत
          कर दमी। यह प्रजत्ा, उत्तर अ्रमीका ्ें   ्से कोई पैतृक ्समबनध नहीं है।

          श्मीरा् कमी ्सब्से ऊँचमी प्रजत्ा ्ानमी जा   ये  उदाहरण  एक  ्सशकत  ्सच्ाई
          रहमी है। रा्ायण के प्र्ुख पात् भगवान   दशा्मते  हैं  जक  भारतमीय  ्संसकृजत  एक
          रा् ्सतय, नयाय और कत्त्मवय जै्से उन   ्साझा धरोहर बन चुकमी है जो ्समी्ाओं

          ्मूलयों के प्रतमीक हैं जजनका ्साव्मभौज्क   के पार जवजभन् ्स्ुदायों को जोड़तमी है।
          ्हत्व है। प्रवा्समी ्स्ुदाय के अनेक लोगों   रा्ायण, ्हाभारत, और ्हजष्म वाल्मीजक
                                                                       ्म
          के जलए यह प्रजत्ा न केवल उनकमी    जै्से ऋजषयों कमी जशक्षाएँ केवल धाज्क
                            मू
          आधयाबत्क  जड़ें  ्जबत  करतमी        ग्नथों ्ें नहीं बबलक ्साव्मभौज्क ्मूलयों
          है, बबलक जवदेश ्ें जन्मी नई पमीढ़मी   के  भंडार  कमी  तरह  देखमी  जातमी  हैं।
          को भमी अपनमी पैतृक परमपराओं ्से           बड़ों के प्रजत ्सम्ान, प्रकृजत

          जुड़ने का अव्सर देतमी है।                  के  प्रजत  ्संवेदनशमीलता  और
              रू्स के वलाजदवोसतोक                   बुराई पर अचछाई कमी जवजय

          ्ें  हाल  हमी  ्ें  भारत  के               जै्से ज्सद्धानत हर ्स्ाज ्ें
                                                      मू
                     मू
          ्हावाजणजय  दतावा्स  ने,                    गँजते हैं।
          रू्समी-भारतमीय   कलब                            इ्स    ्सांसकृजतक
          और  जप्र्ोयचे  सटेट  आट्ट                   प्र्सार के केनद्र ्ें भारतमीय
          गैलरमी  के  ्सहयोग  ्से                    प्रवा्समी  ्स्ुदाय  है।  आज

          एक  अनोखमी  प्रदश्मनमी                    लगभग  ्साढ़े  तमीन  करोड़
          आयोजजत  कमी  जज्स्ें  5                   भारतमीय जवदेशों ्ें रहते हैं। वे


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