Page 54 - MAAN KI BAAT - HINDI
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नवशवकमा्च जयंती
देश कमी नींव गढ़ते हार्ों को ्सला्
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भारत कमी धरतमी पर परमपराएं और तयौहार केवल धाज्क आसथा तक ्समीज्त नहीं
रहते बबलक वे ्स्ाज के श््वमीरों और कारमीगरों कमी ्ेहनत का ्सम्ान करने का ्ाधय्
भमी बन जाते हैं। ऐ्सा हमी एक पावन अव्सर है जवशवक्ा्म जयंतमी जो हर ्साल 17 ज्सतंबर
को ्नाई जातमी है। यह जदन भगवान जवशवक्ा्म को ्स्जप्मत है जजनहें ्सबषट का पहला
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जशलपकार और देवताओं का वासतुकार ्ाना जाता है।
भगवान जवशवक्ा्म को ‘आजदकारमीगर’ कहा गया है। पौराजणक ्ानयताओं के अनु्सार
उनहीं के हाथों ्से इनद्रपुरमी, द्ारका नगरमी, हबसतनापुर और भगवान जशव का जत्शल जनज्त
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हुआ। इ्सजलए उनहें जशलप, कला और जन्ा्मण का देवता ्ाना जाता है।
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तवशवकरामा जयती का रहतव
जवशवक्ा्म जयंतमी का ्हतव केवल धाज्क नहीं बबलक ्सा्ाजजक भमी है। आज भमी
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ह्ारे गाँवों, कसबों और शहरों ्ें ऐ्से अनजगनत कारमीगर, ज्सत्मी, बढ़ई, ्मूजत्मकार, ्सुनार,
लोहार और कुमहार हैं जजनके हुनर ्से भारत कमी असल तसवमीर बनतमी है। ये लोग जबना
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