Page 51 - MAAN KI BAAT - HINDI
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₹्सर ्ोक्षगुंड् जवशवेशवरैया (1861-1962) को इंजमीजनयररंग के क्षेत् ्ें उनकमी
्हतमी ्सेवाओं और राषट् जन्ा्मण ्ें योगदान के जलए 1955 ्ें भारत के
्सववोच् नागररक ्सम्ान, भारत रत्न ्से ्सम्ाजनत जकया गया था।
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््सर ् कृषणा ्सागर बाँध कमी योजना और जक्रयानवयन, हैदराबाद ् बाढ़ ्संरक्षण
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प्रणालमी तथा जवशाखापत्तन् बनदरगाह को कटाव ्से बचाने ज्समी प्रजतबषठत
पररयोजनाओं कमी योजना और काया्मनवयन का श्ेय उनहीं को जाता है।
₹उनहोंने सवचाजलत वमीयर वॉटर फलडगेर्स कमी एक प्रणालमी का पेटेंट कराया
जज्से पहलमी बार 1903 ्ें पुणे के पा्स खड़कवा्सला जलाशय ्ें लगाया
गया था।
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1912 ्से 1918 तक ््समूर के 19वें दमीवान के रूप ्ें उनहोंने, भद्रावतमी ्ें
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आयरन एणड सटमील पलांट, ््समूर ्सोप फ़ैकट्मी और सटेट बैंक ऑफ ््समूर
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जै्से अनेक ऐजतहाज्सक ्संसथानों कमी सथापना कमी।
₹अजभयांजत्कमी और उद्ोगों के ्ाधय् ्से भारत कमी प्रगजत के जलए, ्सरकारमी
्ाधय्ों ने उनके प्रज्सद्ध वाकयांश “औद्ोगमीकरण करो या नषट हो जाओ”
को उनकमी दृबषट के ्सार के रूप ्ें ख़मूब उद्धृत जकया था।
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₹उनकमी स्ृजत ् अजभयंता जदव्स उनके जन्जदन को ्नाया जाता है। उनकमी
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‘अजभयाजत्कमी प्रजतभा’ और देश के आधजनकमीकरण ् उनके योगदान का वण्मन
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्सरकारमी जवज्ञबपतयों ् श्द्धाजजल के रूप ् जकया जाता है।
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₹उनहोंने, रमीकन्सट्बकटग इबणडया (1920) और पलांड इक्ो्मी फ़ॉर इबणडया
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(1934) जै्समी लोकजप्रय पुसतकें जलखीं।
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उनहोंने 90 वष्म कमी आयु ्ें अपनमी आत्कथा “््ॉय्स्म ऑफ़ ्ाय वजकिंग
लाइफ़” जलखमी जज्सका आरमभ उनके ्सरकारमी ्सेवा ्ें प्रवेश (ततकालमीन
बॉमबे ्ें ्सहायक अजभयंता) ्से होता है।
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