Page 61 - MAAN KI BAAT - HINDI
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भवय ्मूजत्म या रू्स ्ें रा्ायण के दृशय   कथाओं  तक  ्समीज्त  नहीं  है;  यह  एक
                               े
          जचजत्त  करते  हुए  रू्समी  बच्—  ये  कोई   ्साझा धरोहर है जो ्हाद्मीपों के आर-
          अलग-थलग  घटनाएँ  नहीं  हैं।  ये  एक   पार लोगों को एकजुट करतमी है, ह्ें याद
          वयापक  कथानक  का  जहस्सा  हैं  जज्स्ें   जदलातमी है जक भौगोजलक ्समी्ाएँ जवभाजजत

          भारत कमी जवरा्सत यह याद जदलाते हुए   कर ्सकतमी हैं, लेजकन ्संसकृजत जोड़तमी
          जक ्ानवता ्स्ान आदश्म ्साझा करतमी   है।
          है, एक वैबशवक धरोहर बन गई है।

              जै्सा प्रधान्ंत्मी नरेनद्र ्ोदमी ने अपने
          ्न कमी बात ्समबोधन ्ें कहा जक ऐ्सा

          जवका्स देखना आनंद देता है। यह उ्स
          ्सांसकृजतक  आत्जवशवा्स  का  प्रतमीक  है
          जहाँ भारत केवल भमीतर हमी नहीं झाँकता

          अजपतु बाहर भमी योगदान देता है, अपनमी
          शाशवत कथाओं, ्मूलयों और परमपराओं

          ्से  जवशव  को  ्स्ृद्ध  करता  है।  जवदेशों
          ्ें भारतमीय ्संसकृजत केवल प्रजत्ाओं या


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