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सोलर दीदी की उज्वल कांनत




                                                   देवकमी देवमी का ्सफर




























            अक्षय ऊजा्म देश ्ें ग्ा्मीण ्जहलाओं के जमीवन ्ें बदलाव ला रहमी है। इ्स्ें और
        भमी बहुत कुछ करने कमी क्ष्ता है। ऐ्समी हमी एक कहानमी जबहार के ्ुजफफरपुर के रतनपुरा
        गाँव ्ें देखने को ज्लतमी है। एक शांत क्रांजत आकर ले रहमी है। ्समूय्म द्ारा ्संचाजलत इ्स
        क्रांजत का नेतृतव देवकमी देवमी अपने दृढ़ ्संकलप ्से करतमी हैं। लोग उनहें पयार ्से ‘्सोलर
        दमीदमी’ के ना् ्से पुकारते हैं।

            देवकमी का जमीवन चुनौजतयों ्से भरा रहा। क् उम्र ्ें हमी जववाजहत होने के कारण
        उनहोंने ्समीज्त ्स्साधनों और एक छोटे ्से खेत के बल पर चार बच्ों के पालन-पोषण का
                     ं
        बोझ उठाया। वह एक सवयं ्सहायता ्स्मूह का जहस्सा हैं। उनहें ्सरकार कमी पमीए्-कु्स्
                                                                      ु
        (प्रधान्ंत्मी जक्सान ऊजा्म ्सुरक्षा एवं उतथान ्हाजभयान) योजना के बारे ्ें पता चला। इ्स
        योजना के तहत ज्संचाई के जलए ्सौर पमपों को बढ़ावा जदया जाता है। हालाँजक इ्स तकनमीक

        को अपनाने के उनके फै्सले का कड़ा जवरोध हुआ। उनके पररवार ने उनहें चेतावनमी दमी,
        गाँव वालों ने उनका ्जाक उड़ाया और ्सौर ऊजा्म कमी वयवहाय्मता पर ्संदेह वयकत जकया
        गया। गाँव के लोगों ने देवकमी को यह कहकर चेताया, “्सब कुछ डमीजल, जबजलमी/लाइन
        ्से चलता है। यह कोई पानमी ्से चलने वालमी ्शमीन है, जो तु् खरमीद रहमी हो। तु् फँ्स


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