Page 43 - MAAN KI BAAT - HINDI
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्मूत्म रूप देता है जक ्सच्मी देशभबकत उन
          कायषों ्ें जनजहत है जो राषट् कमी ्सा्मूजहक
                    ै
          स्ृजत और नजतक ताने-बाने ्ें योगदान
          करते हैं, चाहे वो जकतने भमी छोटे कयों
          न हों।
              उनके अ्साधारण प्रया्सों को देश के

          ्सववोच् पद ्से ्ानयता ज्लमी। प्रधान्ंत्मी
          नरेंद्र ्ोदमी ने अपने ्न कमी बात ्समबोधन
                             े
          ्ें  जजतेंद्र  ज्संह  के  उललखनमीय  ज्शन
          पर प्रकाश डाला और कहा जक उनका

                 े
          काय्म प्रतयक देशभकत के जलए एक ्हान
                              ु
          प्ररणा है। तेजमी ्से बदलतमी दजनया ्ें, जहा  ँ
           े
           मू
          ्लय अक्सर ्स्य के ्साथ फमीके पड़
          जाते हैं, जजतेंद्र ज्संह गौरव के ्संरक्षक   देशभबकत ज्सफ़्क ्ह्समू्स करने ्से नहीं,
          के रूप ्ें खड़े हैं। उनका ्सपना एक   बबलक  जमीने  ्से  भमी  होतमी  है,  एक-एक
          ‘शहमीद हॉल’ का जन्ा्मण करना है जहा  ँ  करके याद करने ्से।
                       ं
          उनके जवशाल ्सग्ह को ्संरजक्षत जकया   “कारजगल  युद्ध  के  दौरान,  जब
          जा ्सके और आने वालमी पमीजढ़यों के ्साथ   भतथी प्रजक्रया चल रहमी थमी, ्ेरमी लमबाई
          ्साझा जकया जा ्सके। इ्सके ्ाधय् ्स  े  एक ्सेंटमी्मीटर क् थमी और ्ैं ्सेना ्ें
          वह युवा भारतमीयों को राषट् कमी भावना   भतथी नहीं हो ्सका। उ्स ्स्य, ्ैंने एक

                                                             ै
          को पररभाजषत करने वालमी ्साह्स और   अखबार ्ें पढ़ा जक ्सजनक अजु्मन रा्
                              े
          बजलदान कमी कहाजनयों ्से प्रररत करने कमी   ब्सवाना के जपता ने कहा था, ‘बेटा चला
                                                                         ै
          आशा करते हैं।                     गया तो कया हुआ, देश तो ्सुरजक्षत ह
                                                        ं
              एक  ्साधारण  ्सुरक्षा  गाड्ट,  जजतेंद्र   ना।’  यहमी  वह  पबकत  थमी  जज्सने  ्ुझ्ें
          ज्संह राठौर ह्ें ज्सखाते हैं जक जक्समी भमी   देशभबकत के बमीज बोए। ्ैं अपने पमूव्मजों
          राषट् कमी आत्ा उ्सकमी स्ृजत ्ें जनजहत   कमी  तरह  ्सेना  ्ें  भतथी  नहीं  हो  ्सका,

          होतमी है। शहमीदों के गौरव कमी रक्षा करके   इ्सजलए ्ैंने शहमीदों के बारे ्ें जानकारमी
          वे  भारत  के  ्ल  ्सार  कमी  रक्षा  करत  े  इकट्ा करने का ्सोचा।”
                     मू
                                                                        ां
          हैं — ह् ्सभमी को याद जदलाते हैं जक                  -तजतेंद्र तसह

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