Page 48 - MAAN KI BAAT - HINDI
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1,200 रुपए देते थे। अब, ्सोलर दमीदमी जजम्दार है। इ्स्से कई ग्ा्मीण ्जहलाओं
के पमप ्से, उ्समी ज्मीन कमी ज्संचाई पर के जलए पानमी तक पहुँच एक प्राथज्क
केवल 200 रुपए का खच्म आता है और जचंता का जवषय बन गई है, चाहे वह
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्स्य भमी क् लगता है। इ्स ्सजवधा घरेल इसते्ाल के जलए हो, ज्संचाई के
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्से जक्सान अनय आय-उतपादक काय्म जलए हो या पशुधन के जलए। इ्स प्रकार,
करके अपनमी ्स्ग् आजमीजवका ्ें ्सुधार कृजष उतपादन के जोजख्ों को क् करने
कर पाते हैं।” और ्जहला जक्सानों कमी भलाई के जलए
देवकमी के प्रया्सों को अनदेखा नहीं लघु-सतरमीय ज्संचाई प्रणाजलयों तक पहुँच
जकया जा ्सकता। प्रधान्ंत्मी नरेनद्र ्ोदमी आवशयक हो गई है।
ने 125वें ‘्न कमी बात’ काय्मक्र् ्ें उनकमी नवमीन एवं नवमीकरणमीय ऊजा्म ्ंत्ालय
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्सराहना करते हुए बताया जक कै्से उनहोंने (MNRE) द्ारा पमीए्-कु्स् योजना
अपने गाँव का कायाकलप कर जदया। के अंतग्मत ्सौर ऊजा्म चाजलत ज्संचाई
उनहोंने कहा, “जबहार कमी देवकमी जमी ने प्रणाजलयों को अपनाने ्ें ्सहायता के
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्सोलर पमप ्से अपने गाँव कमी जकस्त जलए ्सब््सडमी और फमीड-इन-टररफ जै्से
बदल दमी है।” अनय प्रोत्साहन प्रदान जकए जाते हैं। इ्स
्ीएर-कुसुर योजना योजना का लक्य ्ाच्म 2026 तक लगभग
भारत ्ें खेतमी ्से जुड़े लगभग 76 34,800 ्ेगावाट ्सौर क्ष्ता जोड़ना है।
प्रजतशत जक्रयाकलापों ्ें ्जहलाओं का इ्सके जलए कुल केंद्रमीय जवत्तमीय ्सहायता
वच्मसव है। जलवायु पररवत्मन कई ग्ा्मीण ₹34,422 करोड़ होगमी।
क्षेत्ों ्ें वषा्म के पैटन्म ्ें बदलाव के जलए इ्सका लक्य डमीजल और जमीवाश्
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