Page 7 - Mann Ki Baat - Hindi, February,2023
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सिने काट ्ाएगी,               कमिटीशन  भी  का़फी  ्ोकपप््य  रहा।
              सो जाओ, सो जाओ,               इसमें  पहससा  ्ेने  वा्ों  ने  एक  स  े
              जोजो...जो..जो..               बढ़कर  एक  सुनदर  रंगो्ी  बनाकर
              जोजो...जो..जो..”              भेजी।  इसमें  पवपनंग  एंट्ी,  िंजाब  के
              असम  में  कामरूि  पज़्े  के   कम्  कुमार  जी  की  रही।  इनहोंन  े
          रहने  वा्े  पदनेश  गोवा्ाजी  ने  इस   नेताजी  सुभा्  चनद्  बोस  और  अमर
          प्पत्योपगता  में  सेकेंड  प्ाइज़  जीता   शहीद  वीर  भगत  पसंह  की  बहुत  ही
          है।  इनहोंने  जो  ्ोरी  प्खी  है,  उसमें   सुनदर  रंगो्ी  बनाई।  महाराष्ट्  के
          सथानी्य  पमट्ी  और  मेट्  के  बत्मन   सांग्ी  के  सपचन  नरेनद्  अवसारीजी
          बनाने वा्े कारीगरों के िोि्र क्ाफट   ने अिनी रंगो्ी में जप््याँवा्ा बाग,
                               ु
          की छाि है।                        उसका  नरसंहार  और  शहीद  ऊधम
                                            पसंह  की  बहादुरी  को  प्दपश्मत  पक्या।
                                            गोवा के रहने वा्े गुरुदत्त वानटेकरजी
                                            ने  गाँधीजी  की  रंगो्ी  बनाई,  जबपक
                                            िुदुचेरी  के  मा्ापतसेलवमजी  ने  भी
                                            आज़ादी  के  कई  महान  सेनापन्यों  िर
                (सकैन करें और सुनें।)       अिना  फोकस  रखा।  देशभक्त  गीत
                                                                       ु
              कुमहार दादा झो्ा ्ेकर आए हैं,  प्पत्योपगता की पवजेता टी. पवज्य दगा्म
                                                                    े
              झो्े में भ्ा ््या है?         जी आनध्र प्देश की हैं। उनहोंने त्ुगु में
                                                                     े
              खो्कर देखा कुमहार के          अिनी एंट्ी भेजी थी। वे अिने क्त्र के
              झो्े को तो,                   प्पसधि सवतंत्रता सेनानी नरपसमहा रेड्ी
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              झो्े में थी प्यारी-सी कटोरी!  गारूजी से का़फी प्ररत रही हैं। आि भी
                                             ु
                                                        ु
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              हमारी गपड़्या ने कुमहार से िूछा,  सपनए पवज्य दगा्मजी की एंट्ी का ्यह
              कैसी है ्ये छोटी-सी कटोरी!    पहससा।
              गीतों और ्ोरी की तरह ही रंगो्ी





















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