Page 9 - Mann Ki Baat - Hindi
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आस-पास  के  क्ेत्  के  युवाओं  की  एक   हो  रहा  है।  लोग  ‘Reduce,  Reuse
          टीम का नेतृत्व कर रही है। इस टीम के   और  Recycle’  पर  बात  करने  लगे
          लोग अपने प्यासों से माहे  Area और   हैं,  उसके  उदोाहरण  दोेने  लगे  हैं।  अब

          खासकर  वहाँ  के  Beaches  को  पूरी   जैसे मुझे केरला में कोफझकोड में एक
          तरह साफ़-सुथरा बना रहे हैं।       शानदोार  प्यास  के  बारे  में  पता  चला।
              साफथयो, मैंने यहाँ फसि्फ दोो प्यासों   यहाँ  Seventy  four  (74)  year  के
          की  चचा्ष  की  है,  लेफकन  हम  आस-पास   सुब्रह्मण्यम  जी  23  हज़ार  से  अफ्धक
           े
          दोखें,  तो  पाएँगे  फक  दोेश  के  हर  फकसी   कुफस्षयों की मरम्मत करके उन्हें दोोबारा
          फहस्से में, ‘स्वच््छता’ को लेकर कोई-ना-  काम लायक बना चुके हैं। लोग तो उन्हें

          कोई अनोखा प्यास जरूर चल रहा है।   ‘Reduce,  Reuse  और  Recycle
          कु्छ ही फदोन बादो आने वाले 2 अक्तूबर   यानी RRR (Triple R) Champion भी
          को ‘स्वच््छ  भारत फमशन’  के 10  साल   कहते हैं। उनके इन अनूठे प्यासों को
          पूरे हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के   कोफझकोड  फसफवल  स्टेशन,  PWD  और

          अफभनंदोन का है, फजन्होंने इसे भारतीय   LIC के दोफ्तरों में दोेखा जा सकता है।
          इफतहास  का  इतना  बड़ा  जन-आंदोोलन    साफथयो, स्वच््छता को लेकर जारी
          बना फदोया। ये महात्मा गाँ्धी जी को भी   अफभयान से हमें ़ज्यादोा-से-़ज्यादोा लोगों
          सच्ी श्द्ांजफल है, जो जीवनपययंत इस   को  जोड़ना  है  और  यह  एक  अफभयान,
          उद्देश्य के फलए समफप्षत रहे।      फकसी एक फदोन का, एक साल का नहीं
              साफथयो,  आज  ये  ‘स्वच््छ  भारत   होता है, यह युगों-युगों तक फनरंतर करने

          फमशन’ की ही सिलता है फक ‘Waste    वाला  काम  है।  यह  जब  तक  हमारा
          to Wealth’ का मंत् लोगों में लोकफप्य   स्वभाव  बन  जाए  ‘स्वच््छता’,  तब  तक

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