Page 8 - Mann Ki Baat - Hindi
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मफहलाओं ने सैकड़ों जलाशयों के फनमा्षण   मेहनत से ना फसि्फ तालाब में खूब पानी

        और उनके Revival में भी बढ़-चढ़कर    भर गया, बब्ल्क िसलों की उपज भी
        हाथ बँटाया है। इससे इस क्ेत् के लोगों   कािी बढ़ी है। दोेश के कोने-कोने में हो
        की पानी की समस्या तो दोूर हुई ही है,   रहे ‘जल संरक्ण’ के ऐसे प्यास पानी
        उनके चेहरों पर खुफशयाँ भी लौट आई हैं।  के संकट से फनपटने में बहुत मदोदोगार

            साफथयो,  कहीं  नारी-शब्क्त,  जल-  साफबत होने वाले हैं। मुझे पूरा भरोसा है
        शब्क्त को बढ़ाती है तो कहीं जल-शब्क्त   फक आप भी अपने आस-पास हो रहे ऐसे
        भी  नारी-शब्क्त  को  मज़बूत  करती  है।   प्यासों से जरूर जुड़ेंगे।
                               े
        मुझे मध्य प्दोेश के दोो बड़े ही प्रणादोायी
        प्यासों  की  जानकारी  फमली  है।  यहाँ   मेरे  प्यारे  दोेशवाफसयो,  उत्तराखंड
        फडंडौरी  के  रयपुरा  गाँव  में  एक  बड़े   के उत्तरकाशी में एक सीमावतजी गाँव है

        तालाब के फनमा्षण से भू-जल स्तर कािी   ‘झाला’। यहाँ के युवाओं ने अपने गाँव
        बढ़  गया  है।  इसका  िायदोा  इस  गाँव   को स्वच््छ रखने के फलए एक खास पहल
        की  मफहलाओं  को  फमला।  यहाँ  ‘शारदोा   शुरू की है। वे अपने गाँव में ‘्धन्यवादो
        आजीफवका स्वयं सहायता समूह’ इससे   प्कृफत’ या कहें ‘Thank you Nature’

        जुड़ी  मफहलाओं  को  म्छली  पालन    अफभयान चला रहे हैं। इसके तहत गाँव
        का  नया  व्यवसाय  भी  फमल  गया।  इन   में रोजाना दोो घंटे सिाई की जाती है।
        मफहलाओं  ने  Fish-Parlour  भी  शुरू   गाँव की गफलयों में फबखरे हुए कूड़े को
        फकया है, जहाँ होने वाली म्छफलयों की   समेटकर, उसे गाँव के बाहर, तय जगह
        फबक्री से उनकी आय भी बढ़ रही है। मध्य   पर डाला जाता है। इससे झाला गाँव भी
        प्दोेश के ्छतरपुर में भी मफहलाओं का   स्वच््छ हो रहा है और लोग जागरूक भी

        प्यास बहुत सराहनीय है। यहाँ के खोंप   हो रहे हैं। आप सोफचए, अगर ऐसे ही हर
        गाँव का बड़ा तालाब जब सूखने लगा तो   गाँव,  हर  गली-हर  मोहल्ला  अपने  यहाँ
        मफहलाओं  ने  इसे  पुनजजीफवत  करने  का   ऐसा ही Thank You अफभयान शुरू कर
        बीड़ा उठाया। ‘हरी बफगया स्वयं सहायता   दोे, तो फकतना बड़ा पररवत्षन आ सकता

        समूह’ की इन मफहलाओं ने तालाब से   है।
        बड़ी  मात्ा  में  गादो  फनकाली,  तालाब  से   साफथयो, स्वच््छता को लेकर पुडुचेरी
        जो गादो फनकली, उसका उपयोग उन्होंने   के समुद्र तट पर भी जबरदोस्त मुफहम
        बंजर  ज़मीन  पर  fruit  forest  तैयार   चलाई जा रही है। यहाँ रम्या जी नाम की
        करने के फलए फकया। इन मफहलाओं की   मफहला, माहे municipality और इसके


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