Page 5 - Mann Ki Baat - Hindi
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मेरे प््ययारे देशवयासि्यो, नमस््कयार





              ‘मन की बात’ में एक बार फिर हमें   काय्षक्रम  के  असली  सूत््धार  हैं।

          जुड़ने का अवसर फमला है। आज का ये   आमतौर पर एक ्धारणा ऐसी घर कर
          Episode  मुझे  भावुक  करने  वाला  है,   गई है फक जब तक चटपटी बातें न हों,
          मुझे बहुत-सी पुरानी यादोों से घेर रहा है–   नकारात्मक बातें न हों, तब तक उसको
          कारण ये है फक ‘मन की बात’ की हमारी   ज्यादोा तवज्ोह नहीं फमलती है, लेफकन
          इस यात्ा को 10 साल पूरे हो रहे हैं। 10   ‘मन  की  बात’  ने  साफबत  फकया  है  फक

          साल पहले ‘मन की बात’ का प्ारम्भ 3   दोेश  के  लोगों  में  positive  जानकारी
          अक्तूबर को फवजयादोशमी के फदोन हुआ   की  फकतनी  भूख  है।  Positive  बातें,
                                             े
          था और ये फकतना पफवत् संयोग है फक   प्रणा से भर दोेने वाले उदोाहरण, हौसला
          इस साल 3 अक्तूबर को जब ‘मन की     दोेने वाली गाथाएँ, लोगों को बहुत पसंदो
          बात’ के 10 वर््ष पूरे होंगे, तब नवराफत् का   आती हैं। जैसे एक पक्ी होता है ‘चकोर’,

          पहला फदोन होगा। ‘मन की बात’ की इस   फजसके बारे में कहा जाता है फक वो फसि्फ
          लम्बी यात्ा के कई ऐसे पड़ाव हैं, फजन्हें   वर्ा्ष की बूँदो ही पीता है। ‘मन की बात’
          मैं  कभी  भूल  नहीं  सकता।  ‘मन  की   में  हमने  दोेखा  फक  लोग  भी  ‘चकोर’
          बात’ के करोड़ों श्ोता हमारी इस यात्ा   पक्ी की तरह दोेश की उपलब्ब््धयों को,
          के  ऐसे  साथी  हैं,  फजनका  मुझे  फनरंतर   लोगों  की  सामूफहक  उपलब्ब््धयों  को

          सहयोग फमलता रहा। दोेश के कोने-कोने   फकतने गव्ष से सुनते हैं। ‘मन की बात’
          से उन्होंने जानकाररयाँ उपलब््ध कराई।   की 10 वर््ष की यात्ा ने एक ऐसी माला
              ‘मन  की  बात’  के  श्ोता  ही  इस   तैयार की है, फजसमें हर  episode के

















                                                          ये
                             प्रत््ययेक कहानी के साथ, उजागर होती अनक आवाज़ें
                                         1                             1
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