Page 74 - Mann Ki Baat - Hindi
P. 74
िेक इन इफिया तवमनिा्रण क्षेत् का
ं
पुनरुत्ान काल
को अत्यफ्धक फवफनयमन की बैसाखी
से उदोार बनाने के बादो हम आईटी और
आईटीईएस सेवाओं के माध्यम से फवश्व
में अग्रणी बनकर उभरे हैं। हालाँफक हमने
फवफनमा्षण में एक महत्तवपूण्ष अवसर खो
फदोया, जबफक यह एक ऐसा क्ेत् है, फजसने
अपार रोजगार के अवसर पैदोा फकए हैं
और कई प्फतस्प्धजी दोशों को महत्तवपूण्ष
े
पंकज मोफहन्द्र ू
आफथ्षक समृफद् की ओर अग्रसर फकया
अध्यक्, इफडया सेलुलर एंड है।
ं
इलेक्ट्रॉफनक्स एसोफसएशन (आईसीईए) ‘मेक इन इंफडया’ पहल प््धानमंत्ी
नरेन्द्र मोदोी के दोूरदोशजी नेतृत्व में 2014 में
शुरू की गई थी। इसने राजसी बंगाल
टाइगर के प्तीक के रूप में वैब्श्वक
मंच पर भारत के नेतृत्व और नवाचार
की तत्परता की घोर्णा की। फप्छले एक
दोशक में इसने न केवल जीडीपी में वृफद्
की है और रोजगार को बढ़ावा फदोया
है, बब्ल्क दोेश को भी एक उभरती हुई
“लहरों से डरकर नौका पार नहीं वैब्श्वक फवफनमा्षण शब्क्त के रूप में आगे
होती, बढ़ाया है। कपड़ा और इलेक्ट्रॉफनक्स से
कोफशश करने वालों की कभी हार लेकर ऑटोमोबाइल, फवमानन, अक्य
नहीं होती” ऊजा्ष और रक्ा तक भारत के फवफनमा्षण
–हररवंश राय बच्न क्ेत् आगे बढ़ गए हैं। मेक इन इंफडया
भारत की आफथ्षक यात्ा को जो चीज अफद्तीय बनाती है, वह है
महत्तवाकांक्ा, लचीलेपन और पररवत्षन हमारा लोकतांफत्क ढाँचा, जो पारदोफश्षता
से पररपूण्ष रही है। 1991 में अथ्षव्यवस्था और जवाबदोेही सुफनब्श्चत करता है।
70
70