Page 69 - Mann Ki Baat - Hindi
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ये
          वव्स चैलेंज छात्ों को उनकी पशक्ा के पहस्सये के रूि मेें पिल्मे
                                      ये
          पनमेा्यण और अन्द्य रचनात्मेक पवर्ष्यों का िता लगान के पलए प्रयेररत
          करन के पलए पडजाइन पक्या ग्या है। हालाँपक िारत मेें अिार
             ये
          रचनात्मेक प्रपतिाएँ हैं, लयेपकन पिल्मे पनमेा्यण मेें औिचाररक पशक्ा
                                       ये
          अिी िी हाई स्ककूल िाठ्यक्रमे का पहस्सा नहीं है। वव्स न केवल
                       ये
                            ये
          छात्ों को पक्रएपटिव प्रोजक्टि करन के पलए प्रोत्सापहत करगा, बस्ल्क
                                         ये
          उन्दहें मेीपड्या और मेनोरंजन उद्योग के िीतर करर्यर के पवपिन्न
                ये
          पवकल्िों स िी िररपचत कराएगा। रचनात्मेक और प्रदश्यन कलाओं
          को मेुख््यधारा मेें लाकर, ्यये चैलेंज छात्ों के पदमेाग मेें मेीपड्या स  ये
                            ये
          जुड़़े कौशल के मेहत्तव को बढ़ाएँग, जो िारत के ‘पक्रएटि इन इंपड्या’
                               ये
          पमेशन के अनुसार होंगी। ्यह िहल दश की पवशाल सांस्कृपतक
          पवरासत को िी उजागर करती है, जो िारती्य रचनाकारों को इस  ये  चैतन्दय क्चंचक्लेकर   ये
                                                उिाध््यक्, स्व्हसपलंग वुर्स इंटिरनशनल
          वैस्श्वक स्तर िर साझा करन के पलए सशक्त बनाती है।
                          ये
                      ये
          आईएएमेएआई तीन वव्स चैलेंज : एआई आटि्ड, रील मेयेपकंग और
                                         ये
          एक्सप्लोरर िर सूचना एवं प्रसारण मेंत्ाल्य के साथ साझदारी कर
          रहा है। ्यये रचनाकारों और प्रौद्योपगकीपवदों को अिनी रचनात्मेकता
          को दशा्यन और िारत की ‘मेयेक इन इंपड्या’ और ‘आत्मेपनि्यर
                ये
                         ये
          िारत’ िहलों मेें ्योगदान दन के पलए एक मेंच प्रदान करत हैं।
                                            ये
                          ये
            ्य
          ि्यटिन  और  सांस्कृपतक  आदान-प्रदान  िर  ध््यान  कपद्रत  करन  ये
                                        ें
          वाला वव्स एक्सप्लोरर इन लक्ष्यों के साथ िूरी तरह स मेयेल खाता
              ये
                                        ये
          है। िारत मेें प्रपतिा पवकास के पलए वव्स जैसी सरकार समेपथ्यत
                               ये
                 ू
                            ये
          िहल मेहत्तविण्य है। प्रधानमेंत्ी नरन्दद्र मेोदी द्ारा अिन ‘मेन की बात’
                                      ये
          सम्बोधन मेें वव्स का समेथ्यन करन स इस िहल को कािी बढ़ावा
                  ये
                               ये
                             ये
          पमेला है। प्रधानमेंत्ी मेोदी न रचनाकारों को इसमेें िाग लन के पलए   िॉ. सुभो रे
                                         ये
                         ये
                                         ये
                       ये
          प्रयेररत पक्या है और घरलू प्रपतिा और नवाचार के केंद्र के रूि मेें   अध््यक्- इंटिरनयेटि एंड मेोबाइल एसोपसएशन
                                ये
                                             ू
          िारत की स्स्थपत को मेजबूत पक्या है। वव्स, मेूल और गुणव�ािण्य  ऑि इंपड्या
                                            ृ
          सामेग्री के मेाध््यमे स िारती्य संस्कृपत और नवाचार की समेपद्
                      ये
          को प्रदपश्यत करके िारत की रचनात्मेक प्रपतिा को वैस्श्वक स्तर
               ये
                  ये
          िर आग बढ़ान के पलए सूचना एवं प्रसारण मेंत्ाल्य के अपि्यान
                ये
          िर जोर दता है।
          वव्स  चैलेंज  एवीजीसी,  प्रसारण  और  पडपजटिल  मेीपड्या  मेें
           ये
          रचनात्मेकता और नवाचार को बढ़ावा दन के साथ ही सह्योग,
                                  ये
                                 ये
                                          ये
                                         ये
          प्रपतिा पवकास और तकनीक अिनान को िी बढ़ावा दत हैं। व  ये
                               ये
                          ये
          स्थानी्य प्रपतिा को बढ़ावा दकर और वैस्श्वक पन्या्यत के अवसर
          िैदा  करके  मेयेक  इन  इंपड्या  और  आत्मेपनि्यर  िारत  िहल  का
                                     ये
                 ये
          समेथ्यन करत हैं। वव्स प्रपतिा को प्रदपश्यत करन, कौशल पवकास
                     ये
                                         ये
          को प्रोत्सापहत करन और ्यथासाध््य मेॉडल को आग बढ़ान के पलए
                                      ये
                     ये
          एक मेंच प्रदान करता है। ‘मेन की बात’ मेें प्रधानमेंत्ी मेोदी द्ारा
          पजक्र होना इस िहल को प्रोत्सापहत करता है साथ ही, राष्टट्ी्य  क्सद्धा्थ्य जैन
                                              ये
          मेान्द्यता, उद्यमेशीलता और संस्थागत समेथ्यन को बढ़ाता है, पजसस  मेहासपचव- इंपड्यन ब्रॉडकास्स्टििंग एंड
                                                        िं
                                                         ़े
          िारत की रचनात्मेक प्रपतिा को वैस्श्वक मेंच िर स्थान पमेलता है। पडपजटिल िाउडशन
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