Page 78 - Mann Ki Baat - Hindi
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लाभाब्न्वत करेंगे। थे। मेरी यह चाहत तब पूरी हुई, जब
1,500 से अफ्धक पौ्धे लगाना एक माननीय प््धानमंत्ी नरन्द्र मोदोी ने 114वें
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असा्धारण उपलब्ब््ध है। इस प्फतबद्ता मन की बात में मेरा नाम फलया। अब व े
को बनाए रखने में आपको फकन सभी लोग, जो मुझे अपमाफनत करते थे,
चुनौफतयों का सामना करना पड़ा? मेरी सराहना कर रहे हैं और वे स्वयं भी
जब मैंने पौ्धारोपण का काम शुरू वृक्ारोपण गफतफवफ्ध में आगे आ रहे हैं।
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फकया, तो कई लोगों ने मुझे अपमाफनत एक दोघ्षटना का सामना करने के
फकया। यह तब भी जारी रहा, जब मैं बादो भी आपने अपना अफभयान जारी
पौ्धों के साथ बाइक से यात्ा करता रखा। ऐसे कफठन समय में भी आप ककैस े
था। वे मुझसे प्छते थे फक तुम हर फदोन प्ररत रहे?
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पौ्धारोपण क्यों कर रहे हो? लफकन, 1563 फदोनों की वृक्ारोपण गफतफवफ्ध
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मुझे कभी भी उनके शब्दोों का बुरा नहीं के दोौरान मैंने कई बा्धाओं का सामना
लगा, क्योंफक मैं यह गफतफवफ्ध प्कृफत फकया है। एक सड़क दोघ्षटना के कारण
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के फलए करता रहा हँ। मैं हमेशा चाहता मेरे पेट में चोट लग गई और इस दोौरान
था फक मेरे अच््छे इरादोे उन लोगों को मेरे पररवार के सदोस्य भी बीमार हो गए।
पता चलें, जो मुझे अपमाफनत कर रह े मुझे आफथ्षक कफठनाइयों का सामना
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