Page 70 - Mann Ki Baat - Hindi
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                                                   िेक इन इफिया
         जन भागीदार्ी क े
                साल
                                                     कृ
                                         से बढ़ा सांस्तिक आत्मतर्श्ास




           मेरे  प्यारे  दोेशवाफसयो,  इस  महीने   जैसा  फक  प््धानमंत्ी  नरेन्द्र  मोदोी
           एक  और  महत्तवपूण्ष  अफभयान  के   ने कहा, ‘दोेश मेक इन इंफडया अफभयान
        10 साल पूरे हो रहे हैं। इस अफभयान   की  सिलता  की  गाथा  सुना  रहा  है,’
        की  सिलता  में  दोेश  के  बड़े  उद्ोगों   हालाँफक, यह फवफनमा्षण को बढ़ावा दोेने के
        के साथ-साथ ्छोटे दोुकानदोारों का भी
        योगदोान है। मैं ‘मेक इन इंफडया’ की   फलए सरकार की पहल से कहीं अफ्धक
        बात कर रहा हूँ। आज मुझे यह दोेखकर   है। 2014 में शुरू फकया गया ‘मेक इन
        बहुत खुशी हो रही है फक इस अफभयान   इंफडया’ भारत की सांस्कृफतक फवरासत
        से गरीब, मध्यम वग्ष और MSMEs को   का आईना है और वैब्श्वक मंच पर इसकी
        बहुत लाभ फमल रहा है।
                                          क्मता की पुब्ष्टट करता है। अफभयान का
                    प््धानमंत्ी नरेन्द्र मोदोी   उद्देश्य भारत को वैब्श्वक फवफनमा्षण केंद्र
               (‘मन की बात’ सम्बो्धन में )
                                          में बदोलना है, लेफकन इसके सांस्कृफतक
                                          फनफहताथ्ष  गहराई  से  प्फतध्वफनत  होते
                                          हैं,  जो  भारतीय  फशल्प  कौशल,  नवाचार
                                          और उद्फमता में गव्ष की नई भावना को
         “मेक  इन  इफडया  पहल  प््धानमंत्ी   बढ़ावा दोेते हैं।
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                                 ें
         नरन्द्र मोदोी के दोूरदोशजी नेतृत्व म 2014   पारम्पररक  उद्ोगों  को  पुनजजीफवत
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         म शुरू की गई थी फप्छले एक दोशक   करना
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         म इसने न केवल जीडीपी म वफद् की ह  ै  ‘मेक  इन  इंफडया’  अफभयान  का
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         और रोजगार को बढ़ावा फदोया है, बब्ल्क   सबसे  महत्तवपूण्ष  उद्देश्य  पारम्पररक
         दोेश को भी एक उभरती हुई वब्श्वक   भारतीय  उद्ोगों  को  पुनजजीफवत  करना
                                ै
         फवफनमा्षण शब्क्त के रूप म आगे बढ़ाया
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         है। कपड़ा और इलेक्ट्रॉफनक्स से लेकर   और बढ़ावा दोेना है। कपड़े से लेकर फमटिी
         ऑटोमोबाइल, फवमानन, अक्य ऊजा्ष    के  बत्षनों,  हथकरघा  से  लेकर  ्धातु  के
         और रक्ा तक भारत के फवफनमा्षण क्ेत्   काम  तक,  इस  अफभयान  ने  कारीगरों
                    ैं
         आगे बढ़ गए ह।”                    और  फशल्पकारों  को  अपने  कौशल  का
                         –पंकज मोफहन्द्र ू  प्दोश्षन करने के फलए प्ोत्साफहत फकया
                 अध्यक्, इफडया सेलुलर एंड   है। इन पारम्पररक प्थाओं को आ्धफनक
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                                                                    ु
        इलेक्ट्रॉफनक्स एसोफसएशन (आईसीईए)  फवफनमा्षण  तकनीकों  के  साथ  एकीकृत
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